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महिला पत्रकार ज़ीनत सिद्दीकी के साथ ज़ी न्यूज़ के ऑफिस में हुई अभद्रता, बंधक बनाने का भी लगाया आरोप

ज़ी न्यूज़ में कार्यरत महिला पत्रकार ने चैनल के कुछ लोगों पर बेहद गंभीर आरोप लगाएं हैं. जिसके बाद से सोशल मीडिया पर बवाल मचा हुआ हैं।

न्यूज़ प्रेजेंटर ज़ीनत सिद्दीकी का आरोप हैं कि, ज़ी न्यूज़ के ऑफिस में बंधक बनाकर उनके साथ अभद्रता की गई एवं उनका सामान भी जबरन कब्जे में लिया गया।

इस घटना की जानकारी जब उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस को दी तो पुलिस ने कई दिन बीतने के बाद भी एफआईआर दर्ज़ नहीं की हैं, जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि, अगर यूपी में बेटी को छेड़ने का प्रयास किया तो चौराहे पर ही राम नाम सत्य हो जाएगा।

पीड़िता ज़ीनत सिद्दीकी के मुताबिक़, मैं शनिवार के दिन रोज़ की तरह ऑफिस गई (जिस दिन 70 प्रतिशत STAFF/HR DEPARTMENT OFFICE) नहीं आता, सुबह 10.20 बजे मेरी घेरेबंदी कर ज़बरदस्ती एक मीटिंग में ले जाया गया, मेरा सामान (बैग-मोबाइल) अपने कब्ज़ में ले लिए गए थे, मुझे एक कमरे में बंधक बना लिया गया था, न WASHROOM जाने की इजाज़त थी न अपनी मां से ही फोन पर बात करने की।

घेरेबंदी ऐसी की कभी महिला गार्ड दिखती तो कभी मेरे पास से मुस्कुरा कर निकलता कोई आदमी, दहशत के मारे में मैं वापस जाने की ज़िद करने लगी, मुझे चाय दी गई मैनें नहीं पी, मुझे महिला गार्ड कहती है अरे मैडम पी लीजिए कुछ मिलाया नहीं है, मैं पी कर दिखाऊं, मैनें कहा दीदी आप पी लीजिए, मैं नहीं पीऊंगी, क्यों नहीं पीओगी, पीना पड़ेगा, नही मैनें नहीं पीना तो नहीं पीना, काफी देर बाद फिर बिस्किट लाए गए, कहा गया अरे सर ने भेजा है मैडम को बिल्किट खिलाओ।

इस दौरान मेरी धड़कने तेज़ होने लगी थी, मैं रोने लगी, फिर अमित बंसल नाम का व्यक्ति आता है, मुझ से जितनी बत्तमीज़ी से वो बात कर सकता था उसने की, डराया-धमकाया-चिल्लाया और अपना रौब दिखाया, नौकरी से निकाल देने की धमकी दी।

मैनें मीटिंग का AGENDA पूछा नहीं बताया, मैनें उस से उसका नाम पूछा नहीं बताया, ख़ैर मैनें बाद में मालूम किया तो पता चला (सिक्योरिटी डिपार्टमेंट का कोई हेड है) मैं-उसे बार-बार अपनी POSH की शिकायत के बारे में बता रही थी, ICC ने कैसे काऩून की धज्जिया उड़ाई जांच के नाम पर कैसे एक-तरफा कारर्वाई की सब बताया, मुझ से जांच के नाम पर कैसे MISOGYNIST सवाल किए कमेटी ने वो बताया, नहीं सुनवाई हुई, फिर ज़बरन मुझ से RESIGNATION पर साइन कराने की कोशिश हुई मैनें साइन नहीं किए और वहां से जाने के लिए उठी, मुझे ज़बरन रोकते हुए बोले तुम नहीं जा सकती, इसे TERMINATE करो, जानलेवा तरीके से मुझे बंधक बनाया हुआ था।

मैं जाने के लिए फिर खड़ी हुई तो महिला गार्ड्स ने घेरा, मैं जैसे तैसे उस कमरे से बाहर निकली, अपने बैग की तरफ, मेरे सामान से छेड़खानी की गई, मैं बेसुध पहले खड़ी रही और अचानक कांपते हुए बैठ गई, एक महिला गार्ड ने मुझे छुआ बोलीं मेडम आपका शरीर ठंडा पड़ चुका है, दूसरी महिला गार्ड कहतीं I-CARD दीजिए, इस दहशत भरे माहौल मे मेरे PERIODS शुरु हो चुके थे, मगर मेरी हालत कुछ बोलने की नहीं, मैं फफक-फफक कर रोने लगी और थोड़ी देर बाद सब घेर कर मुझे नीचे लाए, एक व्यक्ति पहले से लिफ्ट के पास लिफ्ट रोके खड़ा था।

मैं जैसे ही नीचे आई फिर बैठ गई, मेरा शरीर हरकत नहीं कर पा रहा था, मुझे एक-एक सांस लेने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था, एक महिला गार्ड को शायद मुझ पर दया आई, उन्होंने मेरा हाथ मला, इस पूरे घटनाक्रम में अमित बंसल नाम का व्यक्ति मेरे आसपास घूमता रहा, मैं थोड़ी सामान्य हुई तो जैसे-तैसे सब की घेरेबंदी में ही ऑफिस से बाहर निकली और गुप्ता चौक के पास एक पेड़ के नीचे बैठ गई।

सोचिए जो हो रहा था वो मेरे परिवार को या मेरे किसी परिचित तक को नहीं पता था कि मैं किसी मीटिंग में हूं या क्या होने वाला है मेरे साथ, मैनें बहुत कम में बताने की कोशिश की है, ये सब 2 घंटे से ज़्यादा तक चलता रहा, जैसे-तैसे मैं घर पहुंची पहले से HR HEAD POOJA DUGGAL के साइन से तैयार TERMINATION ORDER मेरे निजी EMAIL पर भेजा जा चुका था ये सब इसलिए किया गया ताकि आदतन लड़कियों को तंग करने वाले रमेश चंद्रा को बचाया जा सके, जैसे 2019 में भी बचाया गया था और पीड़िता को ही तरह तरह से यातनाएं दे कर TERMINATE कर दिया गया।

मैं सोमवार को फिर ऑफिस गई HR HEAD POOJA DUGGAL से मिलने और अपना निजी सामान लेने, कोई सहयोग नहीं मिला मैनें 112 पर कॉल की और फिर लिखित मे थाने में जाकर शिकायत दी, 5 फरवरी से अब तक FIR नहीं हुई है सोचिए ZEE NEWS का दबाव कितना ज़्यादा होगा पुलिस महकमे पर, अकूत संपत्ती और साम्राज्य के आगे मैं कहीं खड़ी नहीं हो पाऊंगी आप लोगों के सहयोग के बिना मेरी मदद कीजिए।

कहीं से भी इंसाफ की उम्मीद नहीं दिखने पर अब पीड़िता ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाते हुए कहा है कि, आदरणीय मुख्यमंत्री जी मुझे आपके शासन और न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है, लेकिन बहुत कष्ट के साथ मुझे अपनी शिकायत आपके समक्ष रखनी पड़ रही है. मैनें मेरे साथ हुए दुर्व्यवहार की शिकायत नोएडा पुलिस को लिखित में दी है।

लिखित शिकायत दिए जाने के बावजूद मुझे देर रात थाने पर बुलाया गया, पुलिस के आलाअधिकारियों के हर सवाल का मैनें सामना किया, लेकिन हैरानी है कि अभी तक पुलिस ने FIR क्यों दर्ज नहीं की. क्या कारण है मुझे सहयोग न करने का, क्योंकि मैं एक मुस्लिम महिला हूं, इसलिए अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा अपराध करने वाले की कोई जाति नहीं होती ये मैनें आपकी ही कार्यप्रणाली में देखा और सीखा है. मुझे ऐसा लग रहा है कि अपराधियों को बचाया जा रहा है।

आपकी अपराध पर अंकुश लगाने की शैली काबिले तारीफ है, मुझे आपसे इंसाफ की उम्मीद है, मुझे पूर्ण विश्वास है कि आपके द्वारा मुस्लिम महिला होने के चलते मेरे विरुद्ध पुलिस का भेदभावपूर्ण रवैया सफल नहीं होने दिया जाएगा।

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