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हलद्वानी में भड़की हिंसा के बाद अब तक हुई 6 मुसलमानों की मौत, पुलिस पर लगा अंधाधुंध फायरिंग करने का आरोप

उत्तराखंड के हल्द्वानी में स्थित बनभूलपुरा में मदरसा और मस्जिद पर बुल्डोजर चलाने के बाद शुरू हुई हिंसा ने सांप्रदायिक हिंसा का रूप ले लिया हैं।

प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में दर्जनों लोग घायल हो चुके हैं, इसके अलावा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा जारी किए गए गोली मारने के आदेश के कुछ घंटों बाद ही गोली लगने से लगभग छह मुसलमानों की मौत हो चुकी है।

नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना सिंह ने कहा कि हिंसा में तीन से चार लोगों की मौत हुई हैं, वंदना सिंह के मुताबिक़, बनभूलपुरा थाने के बाहर हुई हिंसा में कुछ लोगों ने फायरिंग की थीं, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने भी हवाई फायरिंग की।

इस दौरान गोली लगने से घायल तीन-चार लोगों को अस्पतालों में मृत लाया गया, फिलहाल उनकी पहचान की जा रही है।

बवाल बढ़ने पर हुई फायरिंग में गफूर बस्ती निवासी जन्नी और उसका बेटा अनस, गांधीनगर निवासी आरिस (16) और फहीम, बनभूलपुरा के इसरार और सिवान (32) गंभीर रूप से घायल हो गए थे जिसके बाद उनकी मौत हो गई।

जानकारी के मुताबिक़, मदरसा और मस्जिद ढहाने का लोग विरोध कर रहें थे, इसी बीच पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, रबर की गोलियां चलाईं और आंसू गैस के गोले भी छोड़े, जिसके कारण कई लोग घायल हो गए।

इसके अलावा ऑब्जर्वर पोस्ट को अहमद ने बताया कि, पुलिस ने लोगों को गोली मारने के लिए मशीनगनों का इस्तेमाल किया, हिंदुओं की भीड़ भी पुलिस में शामिल हो गई और एक मुस्लिम युवक को गोली मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई।

इस घटना को लेकर हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदयेश का कहना है कि, ये अधिकारियों के उतावलेपन और चूक का नतीजा है, कोर्ट में 14 तारीख को सुनवाई होनी थी, लेकिन जल्दबाजी में और मौलानाओं को कॉन्फिडेंस में लिए बिना इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया, इस केस की शुरुआत से जांच होनी चाहिए।

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