देशभर में कट्टरपंथियों द्वारा दिए जा रहें नफरती भाषणों को लेकर सुप्रीम कोर्ट सचेत हो गया हैं तथा सभी राज्यों को हेट स्पीच के खिलाफ बिना शिकायत के FIR दर्ज़ करने का आदेश दिया हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ऐसे मामलों में आरोपी का धर्म देखे बिना कार्यवाही की जानी चाहिए. हेट स्पीच से जुड़े मामलों के केस दर्ज करने में देरी हुई तो इसे अदालत की अवमानना माना जाएगा।
जस्टिस केएम जोसफ ने कहा कि, हम 21वीं सदी में है, हम धर्म के नाम पर कहां आ पहुंचे हैं? हमें एक धर्मनिरपेक्ष और सहिष्णु समाज बनाना चाहिए।
आज हर तरफ़ नफ़रत का माहौल है, हमने ईश्वर को कितना छोटा कर दिया है. उसके नाम पर विवाद हो रहे हैं।
आपको बता दें कि, पत्रकार शाहीन अब्दुल्ला ने हेट स्पीच देने वालों के खिलाफ़ कोर्ट में याचिका दाखिल कर केस दर्ज करने की मांग की थी. जिस पर कोर्ट ने 21 अक्टूबर 2022 को भी दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकार को ऐसे मामलों में बिना शिकायत के केस दर्ज करने का निर्देश दिया था।