कर्नाटक में संतरे बेचकर आधुनिक स्कूल खोलने वाले मुस्लिम फल विक्रेता हरेकला हजब्बा को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया।
कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ा के न्यूपाड़ापू गांव में रहने वाले हरेकाला हजब्बा ने पैसे जोड़-जोड़ कर एक स्कूल खोला तथा हर साल अपनी बचत का पूरा हिस्सा स्कूल के विकास के लिए दान करते हैं।
65 वर्षीय हजब्ब्बा अपने गांव में स्कूल न होने की वजह से पढ़ाई नहीं कर पाए थे. जिसके बाद उन्होंने अपना पूरा जीवन शिक्षा के लिए समर्पित कर दिया।
हजब्बा को स्कूल खोलने की प्रेरणा एक घटना के कारण मिली. एक दिन एक विदेशी उनसे संतरे खरीदने आया, और उसने उनसे संतरे की कीमत पूछी, लेकिन उसकी भाषा हजब्बा समझ नहीं सकें, जिस कारण वह विदेशी बिना संतरे लिए चला गया।
जिसके बाद हजब्बा ने कहा कि “यह मेरी बदकिस्मती थी कि मैं स्थानीय भाषा के अलावा कोई दूसरी भाषा नहीं समझ सकता था।
हजब्बा को इस घटना से इतना बुरा लगा कि उन्होंने उसी दिन गांव में एक स्कूल खोलने की ठान ली. ताकि कोई भी बच्चा अनपढ़ न रह पाए।
हजब्बा ने स्कूल खोलने की शुरुआत एक मस्जिद से की. उसके बाद उन्होंने अपनी जमा पूंजी जोड़कर आधुनिक स्कूल खोला।
राष्ट्रपति भवन के अनुसार “राष्ट्रपति कोविंद ने सामाजिक कार्य के लिए श्री हरेकला हजब्बा को पद्मश्री प्रदान किया. हजब्बा कर्नाटक के मैंगलोर में एक संतरा विक्रेता, उन्होंने अपने गांव में एक स्कूल बनाने के लिए अपने विक्रेता व्यवसाय से पैसे बचाए।
President Kovind presents Padma Shri to Shri Harekala Hajabba for Social Work. An orange vendor in Mangalore, Karnataka, he saved money from his vendor business to build a school in his village. pic.twitter.com/fPrmq0VMQv
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 8, 2021