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मणिपुर में चार मुसलमानों की मौत, जमीअत उलमा-ए-हिंद ने गृह मंत्री को लिखा पत्र

जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने मणिपुर राज्य में हिंसा में वृद्धि पर गंभीर चिंता व्यक्त की है, उन्होंने यह बात मणिपुर के लिलोंग जिले के थौबल में चार मुसलमानों की दुखद शहादत के संदर्भ में कही है।

उग्रवादियों ने सोमवार की शाम लिलोंग चिंगजाओ में हमला किया और वहां उपस्थित लोगों पर गोली चला दी, गोलीबारी के परिणामस्वरूप कम से कम आठ लोग गोली लगने से घायल हो गए।

इनमें से चार की मृत्यु हो चुकी है, मृतकों में मोहम्मद दौलत (30), एम सिराजुद्दीन (50), मोहम्मद आज़ाद खान (40) और मोहम्मद हुसैन (22) शामिल हैं। ज्ञात हो कि इस क्षेत्र में मैतेई पंगाल लोग बसे हुए हैं। यहां के मुसलमान जो अभी तक मैतेई और कुकी समूहों के बीच जातीय संघर्ष में शामिल नहीं हुए हैं, अब उनको भई निशाना बनाया जा रहा है जो राज्य सरकार की गैरजिम्मेदारी का परिणाम है।

जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने भारत सरकार के गृह मंत्री अमित शाह और राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को पत्र लिखकर कहा है कि इस जघन्य अपराध के दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए। सांप्रदायिक ताने-बाने को ठीक करना और सभी नागरिकों के जीवन और संपत्ति की रक्षा करना राज्य की प्राथमिकता होनी चाहिए।

मौलाना मदनी ने पूरी घटना की पृष्ठभूमि और जबरन वसूली की घटनाओं की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच, मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा और घायलों को व्यापक चिकित्सा सहायता की भी मांग की है।

मौलाना मदनी ने प्रदेश जमीअत उलमा के पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि शांति स्थापित करने में अपनी हर संभव भूमिका निभाएं। जमीअत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी, जिन्होंने दो महीने पूर्व मणिपुर का दौरा किया था, वह वहां प्रभावित क्षेत्रों में जमीअत के पदाधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं।

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