इज़रायल और फिलिस्तीन के बीच ज़ारी युद्ध को लेकर अलग अलग प्रतिक्रियाएं आ रहीं हैं पश्चिम के ज्यादातर देश इजरायल के साथ हैं और हमास को आतंकी संगठन बता रहें हैं।
वहीं दूसरी तरफ़ फिलिस्तीन का समर्थन करने वाले अरब मुल्क हमास को आतंकी संगठन मानने से इंकार कर रहें हैं इसी बीच तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने बीते बुधवार को संसद में अपने संबोधन में कहा कि, फिलिस्तीनी प्रतिरोध समूह हमास एक “मुक्तिदाता” हैं जो अपनी भूमि और लोगों की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं।
एर्दोगन का कहना है कि हमास कोई आतंकवादी संगठन नहीं है, यह मुजाहिदीन (लड़ाकों) का एक समूह है जो अपनी जमीन की रक्षा कर रहा है।
एर्दोगन ने कहा कि वह गाजा पर इजरायल की बमबारी के संबंध में एक प्रस्ताव पर सहमत नहीं होने और वहां मानवीय युद्धविराम का आह्वान करने में संयुक्त राष्ट्र की “अक्षमता” से दुखी हैं।
आपको बता दें कि, एर्दोगन ने गाजा में “अमानवीय” युद्ध को लेकर इजराइल की अपनी योजनाबद्ध यात्रा भी रद्द कर दी है और कहा है कि दोनों राज्यों के बीच संबंधों में जब तक सुधार नहीं होगा तब तक वह यात्रा नहीं करेंगे।
एर्दोगन ने शनिवार को इस्तांबुल में सत्तारूढ़ जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी द्वारा आयोजित फिलिस्तीन समर्थक रैली में भी भाग लेने का आह्वान किया हैं।