दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भारतीय करेंसी पर हिंदू देवी देवताओं की तस्वीर लगाने की मांग करने की चारों तरफ़ आलोचना हो रहीं हैं।
कुछ लोग इसको राजनीतिक स्टंट बता रहें हैं तो कुछ इस बयान को केजरीवाल की हिंदुत्व वाली राजनीति से जोड़कर देख रहें हैं।
अरविंद केजरीवाल ने इंडोनेशिया का उदाहरण देते हुए कहा कि, मुस्लिम देश होते हुए भी उसकी करेंसी पर भगवान गणेश का चित्र है. जिसपर सपा सांसद डॉक्टर एसटी हसन ने करारा जवाब देते हुए कहा कि, अगर कोई इस्लामिक मुल्क अपने यहां के नोटों पर देवी देवताओं की तस्वीर छाप रहा है तो वह भारत का आइडियल नहीं है, जिसे हम फॉलो करें।
डॉ. एसटी हसन ने कहा कि, चुनाव नजदीक है इसलिए नेताओं में होड़ लगी है कि कौन बड़ा हिंदू है? भारत सर्वधर्म संभाव का देश है. लेकिन अफसोस की बात यह है कि राजनीतिक लाभ के लिए धार्मिक आस्था से जुड़े बयान देने का प्रचलन बढ़ गया है।
गुजरात में चुनाव हैं. इसलिए हर नेता खुद को सबसे बड़ा हिंदुत्ववादी साबित करने में जुटा हुआ है. नोटों पर देवी-देवताओं की फोटो छापने से उनकी बेअदबी होगी, जिससे हमारे हिंदू भाईयों की आस्था को ठेस पहुंचेगी।
आपको बता दें कि, इंडोनेशिया इकलौता ऐसा देश है जहां 2000 के नोट पर इंडोनेशिया के पूर्व शिक्षा मंत्री की हजर देवान्तर और भगवान गणेश की तस्वीर छपी है. ऐसा इसलिए हैं क्योंकि, इंडोनेशिया की सरकार ने 6 धर्मों को आधिकारिक तौर पर मान्यता दी है, इनमें इस्लाम, प्रोटेस्टैंटिज्म, कैथोलिज्म, हिंदू, बौद्ध और कन्फ्यूशिअनिज्म शामिल हैं।
इंडोनेशिया में भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि कला और विज्ञान के प्रतीक के तौर पर देखा जाता है तथा उनको शिक्षा के भगवान के तौर पर भी जाना जाता है. जिसके कारण भगवान गणेश का फोटो 2000 के नोट पर छापा जाता हैं।