मद्रास हाईकोर्ट ने मंदिरों को लेकर बहुत बड़ी टिप्पणी की हैं जिसके बाद से कई गंभीर सवाल खड़े हो रहें हैं, मद्रास हाईकोर्ट ने अफसोस जताते हुए कहा कि आजकल मंदिर उत्सव सिर्फ ताकत दिखाने का मंच बन गए हैं।
इस तरह के मंचों में वास्तव में कोई भक्ति शामिल नहीं होती, मंदिरों का कार्य भक्तों को शांति और खुशी प्रदान करना हैं, लेकिन दुर्भाग्य से आजकल मंदिर उत्सव हिंसा को बढ़ावा देने का मंच बन गए हैं।
जस्टिस आनंद वेंकटेश का कहना हैं कि, अगर मंदिर हिंसा को बढ़ावा देंगे तो उन मंदिरों को बंद करना बेहतर होगा ताकि हिंसा को रोका जा सके क्योंकि ऐसे मंदिरों का कोई मतलब नहीं होगा।
आपको बता दें कि, मद्रास हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी अरुलमिघु श्री रूथरा महा कलियाम्मन अलायम, मयिलादुथुराई के वंशानुगत ट्रस्टी के थंगारासु की ओर से दायर एक याचिका को खारिज करते हुए की हैं।
याचिकाकर्ता चाहते हैं कि अदालत जिला पुलिस को मंदिर उत्सव के लिए पर्याप्त पुलिस सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दे. क्योंकि उत्सव के आयोजन को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद है. तहसीलदार के प्रयासों के बावजूद भी दोनों समूह किसी समझौते पर नहीं पहुंचे।
इसके अलावा विनयगर की मूर्ति मंदिर के अंदर कौन रखेगा, इस बात पर भी विवाद हैं, जिसके बाद हाईकोर्ट ने इस प्रकार की टिप्पणी की हैं।