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कर्नाटक: सरकारी कॉलेज में हिजाब पहनने वाली छात्राओं का प्रवेश रोका, जफर सैफी बोले- कॉलेज में रक्षाबंधन, होली के कार्यक्रम हो सकते हैं बस हिजाब नहीं पहन सकते

कर्नाटक में मुस्लिम छात्राओं द्वारा हिजाब पहनने का मामला तूल पकड़ता जा रहा हैं. कॉलेज प्रशासन हिजाब पहनने वाली मुस्लिम छात्राओं को जबरन बाहर निकाल कर खड़ा कर रहा हैं।

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 25 सभी धर्म के लोगों को अपने धर्म पर चलने की पूरी आज़ादी देता हैं उसके बावजूद कॉलेज प्रशासन छात्राओं के मौलिक अधिकारों का हनन कर रहा हैं।

कर्नाटक के कुंडापूरा के PU सरकारी कॉलेज में मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने से तो रोका जा रहा हैं लेकिन हिंदू छात्रों को भगवा गमछा पहनने से नहीं रोका जा रहा।

सोशल एक्टिविस्ट हया खान के अनुसार “कुंडापूरा (कर्नाटक) में PU सरकारी कॉलेज प्रबंधन ने भी हिजाब पहनने वाली मुस्लिम छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश करने से रोका। अनुच्छेद 25 के तहत अपने धर्म के हिसाब से चलने का हक हर नागरिक को है, उसके बाद भी संविधान से चलने वाली सरकार संविधान को खारिज़ क्यों कर रही है?”

वही इसी कॉलेज में ABVP के हिन्दू छात्र,छात्राएं हिजाब पहनने वाली मुस्लिम छात्राओं के विरोध में भगवा गमछा डालकर जाते है तो कॉलेज प्रबंधन कमेटी उन पर ना कोई रोक लगाता है ना कोई कार्रवाई करता है,क्योंकि भेदभाव सिर्फ़ और मुस्लिम छात्राओं के साथ करना है भले ही संविधान को कुचलना पड़े?

सोशल एक्टिविस्ट जफर सैफी ने इस घटना का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि “स्कूलों में रक्षाबंधन, होली, दिवाली इत्यादि के कार्यक्रम कर सकते हैं, धार्मिक धागा/मंगलसूत्र, कलावा, कड़ा, जनेऊ इत्यादि पहन सकते हैं, सुबह की प्रार्थना में धार्मिक गीत गा सकते हैं. तमाम धार्मिक गतिविधियां कर सकते हैं बस हिजाब नहीं पहन सकते. क्यों ?”

पत्रकार ज़ाकिर अली त्यागी ने एक विडियो शेयर करते हुए लिखा कि “मुस्लिम छात्राएं रो रही हैं और प्रिंसिपल से अनुरोध कर रही हैं कि उन्हें कक्षा में जाने दें और उनका भविष्य खराब न करें क्योंकि परीक्षा सिर्फ 2 महीने में है।”

ज़ाकिर अली त्यागी ने एक अन्य विडियो भी शेयर की जिसमें कॉलेज प्रशासन हिजाब पहनने वाली छात्राओं को जबरन कॉलेज से बाहर निकाल रहा हैं।

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