लखनऊ स्थित बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में बीते मंगलवार को एबीवीपी कार्यकर्ताओं और छात्रों के बीच गंभीर झड़प हो गई।
जानकारी के अनुसार, एबीवीपी ने परिसर में विश्वकर्मा पूजा आयोजित करने की कोशिश की, जिसका छात्रों ने विरोध किया। छात्रों का कहना था कि राज्य संचालित धर्मनिरपेक्ष शैक्षणिक संस्थान में किसी भी तरह का धार्मिक आयोजन नहीं होना चाहिए।
डिशा स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन और बाप्सा (BAPSA) से जुड़े छात्रों ने एबीवीपी की इस कोशिश को विफल कर दिया। इसी के बाद, एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से लाठियों और डंडों से डिशा संगठन के सदस्यों पर हमला कर दिया।
इस दौरान दिशा के कार्यकर्ता मृत्युंजय और रितेश गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि कई अन्य छात्रों को भी चोटें आईं। छात्रों का आरोप है कि यह हमला विश्वविद्यालय प्रशासन और सुरक्षा गार्डों की मौजूदगी में हुआ, लेकिन किसी ने उन्हें रोकने की कोशिश नहीं की।
छात्र संगठनों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन पहले से ही एबीवीपी को संरक्षण दे रहा है। बताया जा रहा है कि हाल ही में बीबीएयू में एक पूर्व एबीवीपी सदस्य, जो अब विश्वविद्यालय में शिक्षण सहायक है, ने भी एक छात्र पर हमला किया था, जिसके खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद जांच समिति बनी थी। छात्रों का कहना है कि मंगलवार का हमला उसी पृष्ठभूमि में हुआ है।
घटना के बाद बड़ी संख्या में छात्र कुलपति कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए और एबीवीपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करने लगे।
घायल छात्रों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है। छात्र संगठनों ने कहा कि इसके बाद एबीवीपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
इस बीच, छात्रों ने आरोप लगाया है कि लखनऊ पुलिस उनकी एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है। बड़ी संख्या में छात्र अलीशान थाने के बाहर एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि हमले के आरोपियों पर तत्काल मुकदमा दर्ज हो।