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मनीष गुप्ता था अगर वो मुसलमान होता तो पुलिस अभी उसके तार फलाना-ढिमका आतंकवादी संगठन से जोड़ देती: प्रशांत कन्नौजिया

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पुलिस द्वारा मनीष गुप्ता नामक युवक की कथित हत्या का मामला बहुत जल्द सुलझता हुआ नज़र आ रहा हैं।

मनीष गुप्ता की पत्नी ने भी बोल दिया हैं की सरकार हमारी मदद कर रहीं हैं तथा हमारी मांगे भी मान ली हैं।

लेकिन यह उत्तर प्रदेश में पहली बार हैं कि सरकार ने तुरंत आरोपी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया तथा पीड़ित परिवार से तुरंत मुलाकात का समय दिया।

अगर यही घटना उत्तर प्रदेश में किसी मुस्लिम या दलित के साथ हुई होती तो इंसाफ मिलना तो दूर इंसाफ के बारे में सोचना भी मुश्किल था।

हाथरस का दलित परिवार आज भी इंसाफ के लिए भटक रहा हैं, दादरी मॉब लिंचिंग के मोहम्मद अखलाक का परिवार 6 साल से इंसाफ के इंतज़ार में हैं।

राष्ट्रीय लोकदल एससी-एसटी विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रशांत कन्नोजिया ने इस मामले को लेकर ट्वीट करते हुए कहा हैं कि “मनीष गुप्ता था अगर वो मुसलमान होता तो पुलिस अभी उसके तार फलाना-ढिमका आतंकवादी संगठन से जोड़ देती। अंजना-चित्रा-सुधीर-चौरसिया-नाविका उसे आतंकवादी साबित कर देते। हत्यारे पुलिस वाले को इनाम मिल चुका होता। उसके परिवार का बहिष्कार हो चुका होता और उसके दोस्तों पर UAPA लग चुका होता।”

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