भारत के मौजूदा हालात को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एपी शाह ने चिंता ज़ाहिर करते हुए कहा है कि, सांप्रदायिक ताकतों के उभार के बीच भारत में अल्पसंख्यक डरे हुए हैं।
25वें डीएस बोर्कर मेमोरियल लेक्चर के दौरान ‘भारत का मेरा दृष्टिकोण: 2047’ विषय पर बोलते हुए एपी शाह ने कहा कि, अब मैं भारत में असहिष्णु और सांप्रदायिक ताकतों का उदय देख रहा हूं जो भारत के भविष्य के लिए बहुत खतरनाक हैं।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक़ उन्होंने कहा, इन सांप्रदायिक ताकतों को शक्तिशाली राजनीतिक समर्थन प्राप्त है, जो सावरकर के हिंदू राष्ट्र, हिंदू जाति और हिंदू संस्कृति के आदर्श को साकार करने की कोशिश कर रहा है।
आज भारत में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भय में जी रहे हैं और उन्हें दोयम दर्जे का नागरिक बना दिया गया है. नूंह और दिल्ली की घटनाएं इस भावना को और आगे बढ़ाती है।
मुठभेड़ में हत्याएं, महापंचायत के ज़रिए अल्पसंख्यक समुदायों के व्यापारियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा और बुलडोजर की कार्यवाही माहौल को और ज्यादा खराब कर रहीं हैं।
जस्टिस शाह ने इन सभी मामलों पर अदालतों के मूकदर्शक बनने चिंता जताते हुए कहा कि, यह बहुत ही गंभीर विषय हैं।