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हल्द्वानी की गफूर बस्ती को जबरदस्ती खाली कराए जाने पर MSO ने सख़्त नाराज़गी का इज़हार किया, आरिफुल कादरी बोले- मानवीय आधार पर फ़ैसला करे

उत्तराखंड के हल्द्वानी में 4 हज़ार से अधिक घरों को तोड़े जाने का देशभर में विरोध हो रहा हैं, तमाम सामाजिक संगठन कोर्ट से पीड़ित परिवारों का भी पक्ष सुनने की मांग कर रहें हैं।

मुस्लिम स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया (MSO) भी इस फ़ैसले का सख़्त विरोध कर रहा हैं तथा रेल मंत्री से मिलकर इस समस्या का हल निकालने की बात कहीं हैं।

MSO ने अपने आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट के ज़रिए कहा हैं कि, हल्द्वानी के वनभूलपुरा गफूर बस्ती को जबरदस्ती खाली कराए जाने पर हमने सख्त नाराज़गी का इज़हार और चिंता व्यक्ति की है और संगठन के पदाधिकारी रेल मंत्री से मिलकर इस समस्या का बेहतर हल निकालने का अनुरोध करेंगे।

MSO उत्तराखंड इकाई अध्यक्ष आरिफुल क़ादरी ने कहा कि प्रशासन जिस तरह से दशकों से रह रहे लोगों को निकालने की योजना बना रहा है वो उचित नहीं है, इससे हज़ारो परिवार सर्दी के मौसम मे बेघर हो जाएंगे और इससे देश विरोधी तत्वों को भी भारत के खिलाफ़ दुष्प्रचार का अवसर मिल जाएगा।

क्योंकि ऐसे तत्व हमेशा इस फिराक मे रहते हैं कि कोई भी मसला जो अल्पसंख्यकों से संबंधित हो उसको तोड़ मरोड़ कर पेश करें और भारत की छवि को नुकसान पहुंचाए. इसलिए प्रशासन फौरी तौर पर धवस्तिकरण पर रोक लगाए और पीड़ित लोगों के साथ मिलकर संवाद के द्वारा कोई बेहतर हल निकाले।

क़ादरी ने कहा कि संगठन के पदाधिकारी जल्द ही रेल मंत्री से मिलकर मामले मे हस्तक्षेप करने का आग्रह करेंगे और मानवीय आधार पर फैसला करने की बात करेंगे।

क़ादरी ने कहा कि इस मसले पर पीड़ितों का रेलवे की ओर से पक्ष नहीं सुना गया इसलिए उनको भी सुनवाई का मौका दिया जाना चाहिए।

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