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मुंबई की झोपड़ पट्टी में रहने वाले “मौहम्मद हुसैन” ने UPSC की परीक्षा पास की, पांचवें प्रयास में मिली सफलता

“अगर हिम्मत करें तो क्या नहीं इंसान के बस में” यह लाइन मुंबई की झोपड़ी में रहने वाले सैयद मोहम्मद हुसैन के लिए बिल्कुल फिट बैठती हैं।

गरीबी और तंगहाली के बावजूद मोहम्मद हुसैन ने अपनी पढ़ाई और जज्बे को जिंदा रखते हुए सिविल सर्विसिस की परीक्षा में 570वीं रैंक हासिल करके अपने राज्य का नाम रोशन कर दिया है।

मोहम्मद हुसैन मुंबई की जिस झोपड़ी में रहते हैं वहां ज्यादातर डॉक में काम करने वाले लोग रहते हैं. इनमें से एक घर डॉकयार्ड के सुपरवाइजर रमजान सैयद का भी है. ये वहीं रमजान सैयद हैं जिनका आजकल खुशी का ठिकाना नहीं हैं।

जैसे ही सिविल सेवा परीक्षा का रिज़ल्ट आया वैसे ही रमज़ान सैयद के घर में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. क्योंकि भारत की नंबर वन नौकरी में उनके बेटे का सिलेक्शन हो गया था।

मोहम्मद हुसैन को इस मुकाम पर पहुंचने के लिए बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने सभी परेशानियों से लड़ते हुए पांचवें प्रयास में देश की सबसे बड़ी परीक्षा को पास कर लिया।

मोहम्मद हुसैन का कहना हैं कि, एक बार जब वह अपने पिता के साथ एक सरकारी दफ्तर में गए थे. तभी उनके जहन में आईएएस अधिकारी बनने का जज्बा पैदा हुआ. हुसैन कहते हैं कि मेरी इस यात्रा के दौरान मेरे परिवार ने हमेशा साथ दिया. यहां तक की घरेलू समस्याओं से भी दूर रखने की कोशिश की ताकि मेरा ध्यान पढ़ाई से न भटके. जिसका नतीज़ा आज सबके सामने हैं।

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