मौजूदा वक्त में हमारे समाज में सबसे बड़ी बुराई दहेज़ की है। हमारे देश में हर रोज़ कई लड़कियाँ दहेज़ की प्रताड़ना के कारण खुदकुशी कर लेती हैं। महिलाओं के साथ होने वाले घरेलू हिंसा का मुख्य कारण दहेज़ ही है।
दहेज़ के प्रति लोगों को खासकर मुस्लिम समुदाय को जागरूक करने के लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक अभियान शुरू किया है। जिसमें दहेज़ लेने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटने के लिए निकाह पढ़ाने वाले मौलवियों को आदेश दिया है कि ऐसे लोगों का निकाह न पढ़ाया जाए जो जबरदस्ती दहेज़ की मांग करे।
ट्विटर पर ट्वीट के हवाले से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद राबे हसने नदवी ने लिखा है कि ” शादी को सरल और आसान बनाना बहुत ज़रूरी है। मुसलमानों को बड़े होटलों और महंगे वेडिंग हॉलों में विवाह समारोह नहीं करने चाहिए। इसी तरह, प्रचलित दहेज, बरात और अन्य अनुष्ठानों से बचें और अपने आप को और दूसरों को बचाएं, अपनी पत्नियों के साथ अच्छा व्यवहार करें, और इस्लामी शिक्षाओं को अपनाकर सफलता और समृद्धि प्राप्त करें।”
हालांकि हमारे देश में दहेज़ प्रथा को खत्म करने के लिए समय समय पर आंदोलन भी चलाया जाता है। सरकार द्वारा भी कई तरह के जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं। लेकिन फिर भी दहेज़ के लिए आये दिन ही न जाने कितनी महिलाओं को मार जाता है, प्रताड़ित किया जाता है और यहां तक कि जिंदा जला भी दिया जाता है।
पिछले दिनों ही गुजरात की आएशा नाम की एक महिला ने प्रताड़ित होकर नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली थी। नदी में कूदने से पहले आएशा ने एक वीडियो भी बनाया था जो कि सोशल मीडिया पर काफी वायरल भी हुआ था। इसी घटना के बाद से फिर एक बार दहेज़ के खिलाफ जनमानस में जागरूकता पैदा हो रहा है। इसी कड़ी में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा दहेज़ के खिलाफ ये अभियान वाकई काबिले तारीफ़ है।