पिछले साल अक्टूबर में जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने यह कहा कि उनके देश ने कॉविड से निपटने में भारत से बेहतर प्रदर्शन किया है तभी उनके झूठ को परखने में दुनिया की मीडिया लग गई थी। बाद में स्मार्ट रिसर्च से पता चला कि इमरान ख़ान कितना बारीक झूठ परोस रहे थे। दरअसल पाकिस्तान ने प्रति 10 लाख की जनसंख्या पर मात्र 16,419 लोगों की ही कॉविड जांच की थी जबकि भारत ने 57,810 की। हर 10 लाख यानी 1 मिलियन की जनसंख्या पर 41,391 कम लोगों की जांच कर इमरान ख़ान बड़ी सफ़ाई से झूठ बोल गए कि पाकिस्तान ने कॉविड पर भारत से बेहतर क़ाबू किया।
जाँच नहीं तो चिन्ता नहीं’ के फॉर्मूले पर चल रही पाकिस्तान की सरकार ने अजीब फॉर्मूला ईजाद किया है। जिस तरह कबूतर बिल्ली को देखकर अपनी आँखें बंद कर लेता है और सोचती है कि बिल्ली चली गई, कुछ ऐसे ही पाकिस्तान कॉविड से निपट रहा है और लगातार भारत के बारे में झूठ बोलकर अपनी जनता को गुमराह कर रहा है।
पाकिस्तान की मंशा भारत की जनता में भी यह सवाल पैदा करने की है कि नरेन्द्र मोदी की सरकार कितनी विफल है?
कुछ ऐसा ही पाकिस्तानी मीडिया का रवैया है। पाकिस्तान में कॉविड की दूसरी लहर से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो रही है लेकिन पाकिस्तानी मीडिया भारत के प्रति लगातार भ्रामक रिपोर्टिंग करके अपनी जनता को दिलासा देने की कोशिश कर रही है। पाकिस्तानी उर्दू अख़बार ‘नवा ए वक़्त’ के लाहौर एडिशन के 2 मई, 2021 के फ्रंट पेज पर ख़बर है कि रमज़ान में पड़ रहे हज़रत अली के यौमे शहादत के जुलूस पर पाबंदी लगा दी गई है और देश में 146 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। इसी अख़बार के पेज 2 पर सरकारी इश्तेहार में सरकार जनता से अपील कर रही है कि अस्पताल तेज़ी से मरीज़ों से भर रहे हैं, कोरोना से बचिए और इफ़्तार पार्टियों से बचिए।
इसी अख़बार में 28 अप्रैल को एक कॉलम में पत्रकार अली अनवार ने अपने आलेख में लिखा कि
https://www.nawaiwaqt.com.pk/28-Apr-2021/1340278
‘भारत जैसा बड़ा मुल्क अपने हमसाया मुल्क से ताल्लुक़ात अच्छे रखता तो आज इसे कोरोना की वबा के दौरान यूँ परेशानी का सामना न करना पड़ता’। अली अनवार यह नसीहत तो दे गए लेकिन यह बताना भूल गए कि पाकिस्तान से 8 गुना बड़ा मुल्क जिसका कॉविड टेस्ट प्रति मिलियन पाकिस्तान से 20 गुना ज़्यादा है, वह पाकिस्तान क्या भारत की मदद करेगा जो न वैक्सीन बना पा रहा है और न ही कोरोना टेस्टिंग किट आरटी पीसीआर?
पाकिस्तानी मीडिया हाउस दुनिया के लिए भारतीय पत्रकार वेद प्रताप वैदिक ने 2 मई, 2021 के एडिशन के लिए लिखा कि
https://dunya.com.pk/index.php/author/dr.-ved-partab-vaidik/2021-05-02/35132/55891016
“लेकिन भारत में भी ऐसे दरिंदे हैं जो ऑक्सीजन, रेमिडिसिविर इंजेक्शन, दवाएं और इलाज के बहाने मरीजों की खाले खींच रहे हैं। इन्हें पुलिस ने पकड़ा है लेकिन आज तक इंसानियत के ऐसे किसी दुश्मन को इब्रतनाक (प्रेरणास्पद) सज़ा नहीं दी जा सकी। पता नहीं क्यों भारतीय हुकूमतों और अदालतों को इस मामले में मफ़लूज (अपाहिज) किया गया।” वैदिक पाकिस्तान के एक मीडिया में शंका का बीज बो रहे हैं कि भारत की सरकार और न्यायपालिका अपाहिज है जबकि इसका वह कोई तर्क नहीं देते। इसमें कोई दो राय नहीं है कि वेद प्रताप वैदिक ने पाकिस्तानी पाठकों के ज़ायक़े के हिसाब से लेख लिखा होगा लेकिन कम से कम बिना किसी तर्क और तथ्य के सरकार और न्यायपालिका पर कोरोना के इस आपात काल में कीचड़ उछालने से पहले उन्हें भारतीय हितों का तो ध्यान रखना ही चाहिए।
वैदिक यहीं नहीं रुके बल्कि पाकिस्तानी मीडिया में चटखारे लेते हुए यह भी लिख डाला कि केन्द्रीय सरकार हिल गई है क्योंकि पौने चार लाख कोरोना मरीज़ रोज़ाना पॉज़ीटिव आ रहे हैं। रोज़ाना हज़ारों लोग मर रहे हैं, ऑक्सीजन की कमी है, दवाइयों और ऑक्सीजन की क़ीमतें दस गुना वसूली जा रही हैं, ब्लैक मार्केटिंग चल रही है, केन्द्र व राज्य सरकारों में तनाव की स्थिति है, नेताओं में बहस चल रही है। वैदिक पाकिस्तानी मदद के ऑफर पर भी निसार हैं। अपने लेख में वह कहते हैं “सबसे क़ाबिल तवज्जो हक़ीक़त ये है कि चीन और पाकिस्तान ने इस हंगामी सूरते हाल में भारतीय अवाम को बचाने के इरादे का इज़हार किया है।” हालांकि फिर से वेद प्रताप यह नहीं बता पा रहे कि यह बयानबाज़ी मदद के रूप में कहाँ है और इस पेशकश का भारत ने किस प्रकार जवाब दिया है। उन्होंने बंगाल चुनाव के दौरान रैलियों का ज़िक्र करते हुए लोगों में ग़लत संदेश जाने का भी हवाला दिया।
यह सत्य है कि कुछ मुनाफाखोर हर परिस्थिति में लाभ कमाने के लिए लालायित रहते हैं लेकिन इन तथ्यों को बढ़ा चढ़ा कर पाकिस्तानी मीडिया में लिखना, भारत के हितों के विपरीत ही कहलाएगा जबकि देश ना सिर्फ़ मेडीकल बल्कि पूरी दुनिया में सूचना के कुप्रचार से भी लड़ रहा है। इसी आग में वेद प्रताप वैदिक ने पाकिस्तानी मीडिया की और से घी डालने का काम किया है। एक तरफ पाकिस्तान स्टेट भारत के ख़िलाफ इन साजिशों में लगा हुआ है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के मशहूर इस्लामिक धर्मगुरु और आम इंसान कोरोना से जूझते भारत के लिए इस महामारी से उबरने के लिए दुआएं कर रहे हैं।
पाकिस्तानी समाज ने भी धर्म गुरुओं का समर्थन करते हुए भारत के लिए दुआ कर रहा है। लेकिन इस सबको दरकिनार पाकिस्तानी इस्टेब्लिशमेंट के लोग भारत की छवी ख़राब करने की साजिशों में व्यस्त हैं। पाकिस्तानी स्टेट विशेष रूप से सेना और उसका विंग आईएसपीआर लगातार भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं।
(यह लेखक के अपने विचार है लेखक वसीम अकरम त्यागी स्वतंत्र पत्रकार एवं दि रिपोर्ट हिंदी के संपादक हैं)