छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 10 अगस्त को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने एक चर्च में ज़बरन घुसकर प्रार्थना सभा को बाधित किया और श्रद्धालुओं के साथ मारपीट की। हमलावरों ने चर्च में तोड़फोड़ की और हनुमान चालीसा का पाठ किया। इस दौरान माहौल इतना तनावपूर्ण हो गया कि श्रद्धालु घबराकर इधर-उधर भागने लगे।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें पुलिसकर्मी भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश करते दिखाई दे रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में लंबे समय से धर्म और जाति के मुद्दों पर तनाव बना हुआ है। दलित और आदिवासी समुदाय का एक बड़ा हिस्सा जातिगत भेदभाव से निजात पाने के लिए ईसाई धर्म अपना चुका है। इसके चलते वे अक्सर दक्षिणपंथी संगठनों के निशाने पर रहते हैं।
यह हमला एक व्यापक पैटर्न का हिस्सा माना जा रहा है। 26 जुलाई को भी केरल की दो कैथोलिक ननों को ‘जबरन धर्मांतरण’ और ‘मानव तस्करी’ के आरोप में पुलिस ने हिरासत में लिया था, हालांकि बाद में उन्हें ज़मानत मिल गई।
इससे पहले मई में विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने एक रविवार प्रार्थना सभा में धावा बोला था और “जय श्रीराम” के नारे लगाते हुए श्रद्धालुओं के साथ मारपीट की थी।
रायपुर की यह घटना एक बार फिर राज्य के ईसाई समुदाय को हिला गई है और कथित धर्मांतरण के आरोपों के नाम पर बढ़ती हिंसा और डर के माहौल को उजागर करती है।