राजस्थान में मॉब लिंचिंग के शिकार रकबर ख़ान को लगभग पांच साल बाद इंसाफ मिला हैं, कोर्ट ने 4 आरोपियों को 7-7 साल की सजा सुनाई हैं।
हालांकि एक आरोपी नवल किशोर शर्मा को कोर्ट ने बरी कर दिया हैं, नवल किशोर विश्व हिंदू परिषद (VHP) से जुड़ा हुआ हैं. वह कथित तौर पर उस भीड़ का हिस्सा था जिसने पशु तस्करी के संदेह में रकबर की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
आपको बता दें कि, असलम और रकबर गायों के साथ भरतपुर जिले में अपने गांव जा रहे थे और इसी दौरान हिंदुत्ववादियों की भीड़ ने इन दोनों को घेर लिया. इस दौरान असलम तो किसी तरह अपनी जान छुड़ाकर भाग गया. लेकिन रकबर को भीड़ ने बेहरमी से पीटा।
इस दौरान मौके पर पहुंची पुलिस घायल रकबर को अस्पताल ले जाने की जगह रामगढ़ थाने ले गई. जहां उसको को लॉकअप में डाल दिया गया।
कुछ समय बाद रकबर की हालत बिगड़ी तो उसको रामगढ़ अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
रकबर खान की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि उसकी मौत भीड़ की पिटाई से हुई थी. इस मामले में पुलिस ने नरेश शर्मा, विजय कुमार, धर्मेंद्र यादव और परमजीत सिंह सहित चार आरोपियों को नामजद किया तथा नवल किशोर शर्मा को बाद में गिरफ्तार किया गया था।