उत्तर प्रदेश का सियासी पारा चढ़ने लगा है 2022 विधानसभा चुनाव की तैयारी में सभी राजनीतिक दल पूरी ताकत से लग चुके है।
यूपी विधानसभा चुनाव इस बार ज्यादा दिलचस्प होने वाला है क्योकि मुस्लिम समुदाय इस बार खुलकर अपनी हिस्सेदारी मांग रहा है।
यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता शाहनवाज अंसारी ने ट्वीटर के जरिए मुसलमानों के हक में आवाज़ बुलंद करते हुए कहाँ है कि “यूपी में मुस्लिम वोट के दम पर कंग्रेस, सपा, बसपा तीनों पार्टियां हुकूमत कर चुकी हैं। क्या इस बार ये नही हो सकता कि 9% यादव और 15% दलित भाई मिलकर 22% आबादी वाले मुस्लिम समुदाय में से किसी मुस्लिम को मुख्यमंत्री बना दें?
शाहनवाज अंसारी ने कहाँ है कि अगर यादव और दलित समाज के लोग ऐसा नही कर सकते तो फिर योगी आदित्यनाथ में क्या बुराई है?
यूपी में मुस्लिम वोट के दम पर कंग्रेस, सपा, बसपा तीनों पार्टियां हुकूमत कर चुकी हैं।
क्या इस बार ये नही हो सकता कि 9% यादव और 15% दलित भाई मिलकर 22% आबादी वाले मुस्लिम समुदाय में से किसी मुस्लिम को मुख्यमंत्री बना दें?
अगर ऐसा नही कर सकते तो फिर योगी आदित्यनाथ में क्या बुराई है?— Shahnawaz Ansari (@shanu_sab) June 3, 2021
शाहनवाज अंसारी के अनुसार “2022 विधानसभा चुनाव में मायावती, अखिलेश यादव को चाहिए कि किसी मुस्लिम लीडर को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा करें। भाई सेक्युलरिज़्म का मतलब ये थोड़ी होता है कि मायावती-अखिलेश ही सीएम बनें।
सियासत में आज़म खान के सामने अखिलेश महज़ शतरंज का प्यादा हैं। आज़म खान सीएम क्यों नही बन सकते?
मुसलमान सिर्फ वोट दे। कांग्रेस, सपा, बसपा, राजद, AAP जैसी दीगर पार्टियों का झंडा ढोये। ज़िंदाबाद का नारा लगाए। मुसलमान जबतक ये सब करता रहेगा तबतक सेक्युलर रहेगा।
जब कोई मुसलमान अपने हक, सियासी हिस्सेदारी, अपनी लीडरशिप की बात करेगा वो कट्टरपंथी और सेक्युलरिज़्म का दुश्मन हो जाएगा।
शाहनवाज अंसारी की इस मांग का तमाम मुसलमानों ने समर्थन भी किया है उत्तर प्रदेश के मुसलमान चाहते है कि कोई मुसलमान भी हमारे प्रदेश का मुख्यमंत्री बनें।
उत्तर प्रदेश के मुसलमानों का कहना है कि हमने यादव समाज के लोगों को भी मुख्यमंत्री बनवाया है तथा दलित समाज के लोगों को भी मुख्यमंत्री बनवाया है अब वक्त आ गया यह लोग किसी मुसलमान को मुख्यमंत्री बनवाएं।