यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) के विरोध में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने लॉ कमीशन को पत्र लिखा हैं तथा इसको आदिवासी और अल्पसंख्यक विरोधी बताया हैं।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने पत्र में लिखा हैं कि समान संहिता लागू करने के किसी भी प्रयास को केंद्र की ओर से धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप के रूप में देखा जा सकता है, जो एक चिंताजनक बात है।
विधि आयोग के अध्यक्ष को लिखें पत्र में कहा है कि, यूसीसी में धार्मिक समुदायों के बीच गहरे विभाजन और सामाजिक अशांति पैदा करने की क्षमता है।
आपको बता दें कि, स्टालिन की पार्टी डीएमके लगातार यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध कर रही है. क्योंकि इनका मानना हैं कि, सामान्य नागरिक कानून लागू करने का कोई भी प्रयास आदिवासियों और अल्पसंख्यकों की विशिष्ट धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को नष्ट करने और बहुसंख्यक समाज बनाने का प्रयास होगा।
यह भारत की विविधता, संघवाद और सामाजिक एकजुटता की तलाश करेगा, हमें अपने देश की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर विचार किए बिना यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की योजना छोड़ देनी चाहिए।
एकरूपता लाने की कोशिश करने के बजाय, हमारा उद्देश्य ऐसी स्थिति बनाना होना चाहिए जहां सभी लोग अधिकारों और अवसरों में समान हों. भारत की विविधता ही इसकी ताकत है।