मुसलमान और उनसे जुड़ी तमाम चीजों से लोगों की नफ़रत अब खुलकर सामने आने लगीं हैं। उत्तर प्रदेश में मुस्लिम नामो से जुड़े शहरो के नाम बदले जा रहें है तो वही बिहार में कॉलेज के साइनबोर्ड से उर्दू नाम मिटाएं जा रहें हैं।
बिहार के गया में स्थित अनुग्रह मेमोरियल कॉलेज के साइनबोर्ड से उर्दू में लिखा नाम हटा कर उसपर सिर्फ हिंदी में लिखा गया हैं।
उर्दू में लिखा नाम हटाने पर नीतिश कुमार की जमकर आलोचना हो रहीं हैं लोगों का आरोप हैं कि नीतिश कुमार संघ के दबाव में काम कर रहें हैं।
कॉलेज के छात्रों ने उर्दू में लिखा नाम हटाने पर विरोध प्रदर्शन किया तथा कॉलेज प्रिंसिपल के पुतला दहन करते हुए उनको तुरंत बर्खास्त करने की मांग की।
राजनितिक दल भी नीतिश कुमार सरकार के इस फ़ैसले का जमकर विरोध कर रहें हैं। राष्ट्रीय उल्मा काउंसिल के अनुसार “उर्दू बिहार की दूसरी आधिकारिक भाषा है लेकिन अब बिहार में उर्दू के साथ भेदभाव किया जा रहा है जो कभी सांप्रदायिकता के आगे नहीं झुकी। अब समय आ गया है कि नीतिश कुमार आगे आएं और बिहार में इन सांप्रदायिक गतिविधियों को रोके करें।
Urdu is the second official language of Bihar but now Urdu is being discriminated in Bihar which never bowed to communalism. It's high time that @NitishKumar comes forward and contains these communal activities in Bihar.#UrduLikhoAMCollege
— Rashtriya Ulama Council (RUC) (@RUConline) September 11, 2021
वही कॉलेज के साइनबोर्ड से उर्दू नाम हटाए जाने पर टीपू सुल्तान पार्टी का कहना हैं कि “उर्दू नाम वाले से कितनी नफरत है,इसका अंदाज़ा बोर्ड से उर्दू नाम हटाए जाने से लगा लीजिए, मगर लोगों कों शिकवा हैं, हर जगह धर्म क्यों आ जाता है। अगर ऐसा नहीं है तो फिर क्या बोर्ड से उर्दू हटाने से कॉलेज की रौनक पहले से बढ़ जाएंगी? स्टूडेंट आटोमेटिक ज़हीन हो जाएंगे?
उर्दू नाम वाले से कितनी नफरत है,इसका अंदाज़ा बोर्ड से उर्दू नाम हटाए जाने से लगा लीजिए,मगर लोगों कों शिकवा हैं,हर जगह धर्म क्यों आ जाता है।अगर ऐसा नहीं है तो फिर क्या बोर्ड से उर्दू हटाने से कॉलेज की रौनक पहले से बढ़ जाएंगी? स्टूडेंट आटोमेटिक ज़हीन हो जाएंगे?#UrduLikhoAMCollege pic.twitter.com/rbUcvkRQ2L
— Tipu Sultan Party Balaghat .ٹیپو سلطان پارٹی بالاگ (@TSP4BGT) September 11, 2021