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भारत में हेट क्राइम और हेट स्पीच के शिकार 95 फ़ीसद से अधिक मुसलमान हैं: APCR

एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (एपीसीआर) ने हाल ही में हेट स्पीच और हेट क्राइम की घटनाओं को लेकर एक रिपोर्ट ज़ारी की थीं, जिसमें बताया गया कि भारत में हेट क्राइम और हेट स्पीच के शिकार 95% से अधिक पीड़ित मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।

जानकारी के मुताबिक़ इस साल जनवरी में कुल 56 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें 39 हेट क्राइम और 17 हेट स्पीच से जुड़े हुए थे. इस महीने दर्ज किए गए हेट स्पीच और हेट क्राइम के पीड़ितों में से कुल 95.5% मुस्लिम समुदाय से थे, शेष 4.5% की पहचान ईसाई के रूप में की गई है।

‘हेट क्राइम ट्रैकर’ शीर्षक से ज़ारी एपीसीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि हेट स्पीच और हेट क्राइम की संख्या प्रस्तुत आंकड़ों की तुलना में बहुत अधिक थी।

रिर्पोट के मुताबिक़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आश्वासन, जिसमें “सबका विश्वास” शामिल था, उसके बावजूद भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपराध नहीं रुक रहे है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकांश घृणा अपराधों में भीड़ हिंसा और सांप्रदायिक हिंसा (39.3%) शामिल हैं, संपत्ति पर हमले (23%), और शारीरिक हमला (21.3%) जबकि व्यक्तियों को डराने-धमकाने/उत्पीड़न (9.8%), यौन हिंसा (4.9%), और मौत का कारण बनने वाली हिंसा (1.6%) की घटनाओं का एक छोटा हिस्सा भी था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंदुत्व संगठनों के सदस्यों ने मुस्लिम बहुल इलाकों से उत्तेजक नारों और गानों के साथ रैलियां निकालीं. जिसमें कहा गया है कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा विधायकों ने परिस्थितियों को सांप्रदायिक बनाने और मुस्लिम विरोधी दंगों को बढ़ावा देने का कोई मौका नहीं छोड़ा।

रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला है कि सरकार की लापरवाही ने दंडमुक्ति की संस्कृति को कायम रखा और कमजोर समूहों के अधिकारों की रक्षा के प्रयासों को नुकसान पहुंचाया है।

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