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योगी ने सेक्युलरिज्म को बताया देश के लिए खतरा, ओवैसी बोले देश को नहीं संघ को सेक्युलरिज्म से खतरा है

 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि ‘सेक्युलरिज्म’ भारत की संस्कृति और परंपराओं वैश्विक मंच पर लाने के लिए बहुत बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि हमें इससे उबरकर सात्विक मन से प्रयास करना होगा।

योगी की इस बयान के बाद ओवैसी ने सिलसिलेवार कई ट्वीट्स करके पलटवार किया है। ओवैसी ने कहा संघ को सेक्युलरिज्म से एलर्जी है क्योंकि संघ देश को बहुसंख्यकों के स्टेट के रूप में देखता है।

ओवैसी ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता भारतीय संविधान की मूल संरचना है। यह संविधान के अलग अलग हिस्सों में दिखाई भी देता है। ओवैसी ने कहा कि धर्म की स्वतंत्रता हमारे संविधान की प्रस्तावना का प्रमुख हिस्सा है।

ओवैसी ने कहा कि संघ हमेशा से धर्मनिरपेक्षता को तीखी ज़ुबान से बोलता है। कभी वे कहते हैं कि हमारा देश इसलिए सेक्युलर है क्योंकि ज़्यादातर भारतीय सेक्युलर हैं। कभी सेकुलरिज्म को भारतीय संस्कृति के लिए खतरा बताते हैं।

ओवैसी ने योगी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका बयान न सिर्फ संविधान बल्कि हमारी वैश्विक उपलब्धियों का अपमान है। उन्होंने कहा कि हमारा देश इसलिए सेक्यूलर है क्योंकि हमारे संविधान निर्माताओं ने इसे सेक्यूलर माना है। सिर्फ अम्बेडकर ही नहीं बल्कि सरदार पटेल और नेहरू भी इसमें शामिल थे।  ऐसा इसलिए क्योंकि सेकुलरिज्म प्रगति की गारंटी है न कि ऐसी सरकार जो घृणा और इतिहास की कल्पनाओं से ग्रस्त हो।

ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि आज हमें वैश्विक स्तर पर सम्मान नहीं मिल रहा है तो इसके लिए सेक्युलरिज्म नहीं बल्कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ज़िम्मेदार हैं। योगी जी को प्रधानमंत्री जी से शिकायत करनी चाहिए। चीन सेकुलरिज्म की वजह से हमारी ज़मीन पर कब्ज़ा नहीं कर रहा है। सेकुलरिज्म की वजह से हमारे पड़ोसी लुकिंग ईस्ट के तहत चीन की ओर नहीं देख रहे हैं और भारत से सदियों पुरानी अपनी मित्रता छोड़ रहे हैं। ये सब प्रधानमंत्री की गलती है। यह सब पीएम मोदी की वजह से हो रहा है।

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