Journo Mirror
भारत

महाराष्ट्र: हिंदू समुदाय ने हाजी मलंग दरगाह को बताया मंदिर, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे बोले- मैं इस दरगाह को मुक्त कराने के लिए प्रतिबद्ध हूं

“अयोध्या तो झांकी हैं, काशी-मथुरा बाकी हैं” यह नारा अपने आप में बहुत कुछ समेटे हुए है, इस नारे का मक़सद सिर्फ़ काशी मथुरा नहीं बल्कि भारत की सैकड़ों मस्जिदें को मुस्लिमों से मुक्त कराना हैं।

इसका ताज़ा उदाहरण महाराष्ट्र में भी देखने को मिल रहा हैं, हिंदुत्ववादियों द्वारा हाजी मलंग दरगाह को काफ़ी समय से मंदिर बताया जा रहा था, अब इस बात पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी मुहर लगा दी है।

एकनाथ शिंदे का कहना है कि, वह हाजी मलंग दरगाह की ‘मुक्ति’ के लिए प्रतिबद्ध हैं. हालांकि मुख्यमंत्री के इस बयान पर दरगाह के हिंदू ट्रस्टियों ने कड़ा विरोध जताया हैं।

हिंदू ट्रस्टियों के मुताबिक, इस विवाद के ज़रिए कुछ लोग राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहें हैं।

आपको बता दें कि, ठाणे जिले के माथेरान पहाड़ी पर स्थित हाजी मलंग बाबा की दरगाह यमन के 12वीं शताब्दी के सूफी संत हाजी अब्द-उल-रहमान की मजार है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, दरगाह के ट्रस्टी चंद्रहास केतकर का कहना है कि, जो कोई भी दरगाह के मंदिर होने का दावा कर रहा है, वह सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए ऐसा कर रहा है।

1954 में सुप्रीम कोर्ट ने दरगाह के नियंत्रण से संबंधित एक मामले में टिप्पणी करते हुए कहा था कि दरगाह एक मिश्रित संरचना है, जिसे हिंदू या मुस्लिम कानून से शासित नहीं किया जा सकता है, बल्कि केवल इसके अपने विशेष रीति-रिवाजों या ट्रस्ट के सामान्य कानून द्वारा ही शासित कर सकते हैं।

चंद्रहास केतकर के मुताबिक़, राजनेता अब इस विवाद को सिर्फ अपने वोट बैंक को आकर्षित करने और एक राजनीतिक मुद्दा खड़ा करने के लिए उछाल रहे हैं।

Related posts

Leave a Comment