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केरल के 11 सांसदों ने चीफ़ जस्टिस ऑफ इंडिया को सिद्दीक़ कप्पन के ईलाज के लिए खत लिखा, AIIMS ट्रांसफर करने का अनुरोध किया

कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है जेलों में बंद कैदी भी अब सुरक्षित नही है पिछले कई महीनों से मथुरा की जेल में बंद पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन भी कोरोना वायरस का शिकार हो गयें है।

सिद्दीक़ कप्पन का मथुरा के अस्पताल में इलाज़ चल रहा है जहाँ उनकी देखभाल ठीक ढंग से नही की जा रही है। जिसको लेकर लगातार सोशल मीडिया पर आवाज़ उठ रही है।

केरला के 11 सांसदों ने भी चीफ़ जस्टिस ऑफ इंडिया को खत लिखकर सिद्दीक़ कप्पन को ईलाज के लिए मथुरा अस्पताल से AIIMS ट्रांसफर करने का अनुरोध किया है।

सोशल मीडिया पर भी आज सिद्दीक़ कप्पन के लिए आवाज़ बुलंद हो रही है। ट्वीटर पर #FreeSiddiqueKappan हैस टैग के साथ हज़ारो की संख्या में ट्विट हो रहे है।

स्टूडेंट एक्टीविस्ट लडिडा फरज़ाना ने ट्विट करते हुए कहाँ है कि केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन को यूएपीए के तहत यूपी के मथुरा जेल में बंद किया गया है उनकी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आयी है लेकिन उनका इलाज़ मथुरा के अस्पताल में आधारभूत सुविधाओं के अभाव में चल रहा है

आईपीएस अब्दुर रहमान ने ट्वीटर के माध्यम से लिखा है कि सिद्दीक कप्पन पत्रकार है अपराधी नही है और न ही उनकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि है। सिद्दीक को आतंकी कानूनों के तहत गलत तरीके से आरोपित किया गया है। कोविड के उपचार के दौरान उनका पीछा करना न केवल गलत है बल्कि अमानवीय भी है। हम @Uppolice के इस बर्बर कृत्य की निंदा करते हैं।

सामाजिक कार्यकर्ता आयशा रेनना ने केरल के मुख्यमंत्री पी विजययन को याद दिलाते हुए कहाँ है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है आपके राज्य का पत्रकार सिद्दीक कप्पन यूपी में जेल में बंद है और आप चुप है आपकी चुप्पी संदिग्ध है।

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