उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मुसलमानों के मुद्दों को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की बैठक का अयोजन हुआ।
बैठक में यूनिफॉर्म सिविल कोड, लव जिहाद, मॉब लिंचिंग तथा प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट (1991) के उल्लघंन के मुद्दे उलमाओं और मुस्लिम राजनेताओं ने अपनी बात रखी।
बैठक की अध्यक्षता मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी ने की, इस बैठक में मौलाना अरशद मदनी, मौलाना फखरुददीन अशरफ, प्रो. सैयद अली नकवी, मौलाना महमूद मदनी, मौलाना सज्जाद नोमानी, मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली तथा एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी समेत देशभर से 51 सदस्य शामिल हुए।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफउल्लाह रहमानी का कहना है कि, दशकों से बने लोगों के घरों को तोड़ा जा रहा है, शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वालों को UAPA जैसे कड़े कानूनों के तहत फंसाया जाता है, असम में लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है क्योंकि उन्होंने सालों पहले 18 साल से कम उम्र की महिलाओं से शादी कर ली, यह सब अन्यायपूर्ण हैं।
बैठक में यूनिफॉर्म सिविल कोड का पुरजोर तरीके से विरोध हुआ, बैठक में मौजूद लोगों का कहना है कि, भारत में विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं, सभी को अपनी पहचान के साथ जीने की आजादी हैं इसलिए यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करना अलोकतांत्रिक होगा।
बोर्ड ने प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट (1991) पर चर्चा करते हुए कहा कि, ये कानून सरकार का बनाया हुआ कानून है, इसे संसद ने पास किया है, इसको कायम रखना सरकार की जिम्मेदारी है लेकीन वर्तमान समय में इस कानून का जमकर उल्लघंन हो रहा हैं।