मुस्लिम समुदाय का गिरता शैक्षणिक स्तर चिंता का विषय बनता जा रहा है लेकिन इसको लेकर किसी भी सरकार के पास कोई पॉलिसी नहीं हैं. सभी पार्टियां मुसलमानों का वोट तो लेना चाहती हैं लेकिन इनकी तरक्की के लिए कोई भी कदम नहीं उठाता हैं।
हाल ही में हुए ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन 2020-21 से पता चला है कि उच्च शिक्षा में मुस्लिम छात्रों का नामांकन एससी एवं एसटी वर्ग के छात्रों से भी कम हुआ हैं।
रिर्पोट के मुताबिक, उच्च शिक्षा में एससी/एसटी और ओबीसी के नामांकन में क्रमश: 4.2 प्रतिशत, 11.9 प्रतिशत और 4 प्रतिशत का सुधार हुआ है, जबकि मुस्लिम समुदाय के नामांकन में 8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
20 फ़ीसदी मुस्लिम आबादी वाले उत्तर प्रदेश ने तो सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए सबसे ख़राब प्रदर्शन किया हैं, यहां 36 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज़ की गई है।
इसके बाद जम्मू-कश्मीर में 26 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 8.5 प्रतिशत और तमिलनाडु में 8.1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि केरल एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां मुसलमान शिक्षा के मामले में सबसे निचले पायदान पर नहीं हैं. यहां 43 प्रतिशत मुसलमानों ने उच्च शिक्षा के लिए अपना नामांकन कराया है।