उड़ीसा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन एक्सीडेंट में सैकड़ों लोग अपनी जान गवां चुके हैं लेकिन भारत के स्वास्थ्य मंत्री की जिम्मेदारी को लेकर कोई भी सवाल नहीं उठा रहा हैं।
इतने बड़े ट्रेन एक्सीडेंट पर इस्तीफा देने की जगह स्वास्थ्य मंत्री फ़ोटो शूट करवाने में व्यस्त हैं. जबकि इस एक्सीडेंट की ज़िम्मेदारी रेल मंत्रालय के साथ साथ रेल मंत्री की भी हैं।
इस मामले पर पत्रकार ज़ाकिर अली त्यागी ने गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि, जॉर्डन के अल हसीन अल सल्त हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी से 6 लोगों की म्रत्यु हुई तो प्रधानमंत्री बशर-उल-खसावना ने स्वास्थ्य मंत्री नादिर उबेजात से इस्तीफ़ा ले लिया था।
पुर्तगाल में एक भारतीय पर्यटक गर्भवती महिला की बेड ना मिलने की वजह से मौत हुई तो वहां की स्वास्थ्य मंत्री मार्टा टेमिडो ने भी अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया और डॉक्टर्स की टीम को 3 साल की जेल हुई।
लेकिन भारत में ऑक्सीजन की कमी से लाखों लोंगो की मृत्यु हो गई, रेलवे की नाकामियों की वजह से मात्र 8 सालों में 900 से अधिक लोगों की जान चली गई, हाल ही में उड़ीसा के बालासोर में रेल दुर्घटना में 288 के क़रीब लोगों की मृत्यु हुई है लेकिन रेल मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री आज भी साफ़ सुथरे होकर अपने पदों पर आसीन है।
पद से इस्तीफ़ा देने की मांग करने वाले दलों को राजनीति करने वाला करार देकर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ा जा रहा है, जिस मीडिया को सवाल करने चाहिए थे वह नाक़ाम पदों की तारीफ़ करने में व्यस्त है।
लेकिन एक सवाल मेरा है कि इतनी लाशों पर आप सो कैसे जाते है? लाश पड़ी हो तो कानों में रूई डालकर भी सोना मुश्किल हो जाता है।