गुजरात दंगों के आरोप में गिरफ्तार 35 लोगों को एक स्थानीय कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया हैं, जिसके बाद से यह सवाल उठ रहा हैं कि आख़िर दंगाई कौन हैं?
पंचमहल जिले के हलोल की एक अदालत ने 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के चार मामलों में सभी 35 आरोपियों को बरी कर दिया है. दंगों में 3 लोगों की मौत हुई थी।
इंडियन एक्सप्रेस की रिर्पोट के मुताबिक, गवाहों के पलट जाने के कारण सबूतों के अभाव में अदालत ने सभी आरोपियों को बरी किया हैं।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हर्ष त्रिवेदी का कहना हैं कि अभियोजन संदेह से परे यह साबित करने में विफल रहा कि अभियुक्त दंगों के चार मामलों में शामिल थे।
आपको बता दें कि, दंगों के दौरान हारून अब्दुल सत्तार तसिया, रूहुल पड़वा और यूसुफ इब्राहिम शेख को घातक हथियारों का इस्तेमाल करके मार दिया था और सबूतों को गायब करने के लिए उनकी लाश को भी जला दिया गया था।
इस मामले में कलोल पुलिस ने 52 लोगों को आरोपी बनाया गया था. जिनमें से 17 लोगों की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई थी।