एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईडब्ल्यू) ने भारतीय राजनीति को लेकर कुछ चिंताजनक आंकड़े प्रस्तुत किए हैं जिसमें भारत के सांसदों और विधायकों के बारे में अहम खुलासा किया हैं।
इलेक्शन वॉचडॉग की रिपोर्ट के मुताबिक़ 107 संसद सदस्य और विधानसभा सदस्यों के खिलाफ नफरत भरे भाषण देने के मामले दर्ज़ हैं।
एडीआर और एनईडब्ल्यू ने पिछले पांच वर्षों में देश के सभी मौजूदा सांसदों और विधायकों के साथ-साथ विधानसभा और लोकसभा चुनावों में सफल उम्मीदवारों के शपथ पत्रों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया हैं।
विश्लेषण से पता चला कि देश की नीतियों को आकार देने के लिए जिम्मेदार कई निर्वाचित सांसदों ने अपने खिलाफ “घृणास्पद भाषण” से संबंधित मामलों की घोषणा की है. यह चिंताजनक आंकड़े सांसदों और विधायकों द्वारा पिछले चुनाव लड़ने से पहले जमा किए गए हलफनामों पर आधारित है।
विश्लेषण के मुताबिक, 33 सांसदों ने अपने खिलाफ नफरत फैलाने वाले भाषण से जुड़े मामलों की घोषणा की है. जिसमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के हैं।
हैरानी की बात यह है कि नफरत फैलाने वाले भाषण से जुड़े मामलों वाले 22 सांसद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े हैं जबकि दो कांग्रेस के हैं।