मध्य प्रदेश में बीते दिनों एक मंदिर में मूर्ति तोड़ने का मामला सामने आया था जिसके बाद पुलिस ने संदेह के आधार पर बेगुनाह मुस्लिम युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
हालांकि घटना की जांच करने पर सामने आईं सच्चाई ने सबको चौका दिया, क्योंकि जांच में असल आरोपी मुस्लिम युवक नही थे बल्कि ग्यारसा नाम का युवक मूर्ति तोड़ने के अपराध में शामिल था।
द क्विंट की रिर्पोट के मुताबिक़, गुना जिले के बमोरी स्थित शिव मंदिर में 31 जनवरी की रात को एक मंदिर में लगे शिवलिंग को उखाड़कर मंदिर के बाहर फेंकने का मामला सामने आया था और नंदी की मूर्ति के साथ भी तोड़फोड़ की गई थी।
घटना के बाद हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए विरोध को देखते हुए पुलिस ने संदेह के आधार पर 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया था।
जिसमें अनवर खान, रईस, बफाती, जीशान और रेहान शामिल थे. हालांकि जांच में मुख्य आरोपी का नाम सामने आने के बाद गुना पुलिस का कहना है कि, आरोपी ने पूछताछ में स्वयं मंदिर में रखी मूर्तियों को तोड़फोड़ करने की घटना स्वीकार कर ली है।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि भगवान से कई बार मांग करने के बाद भी उसकी शादी नहीं हो रही थी तो, जिससे वो काफी गुस्से में था।
इस घटना को लेकर बमोरी थाना प्रभारी अरविंद सिंह गौड़ ने बताया कि, शिकायतकर्ता किसी पर भी संदेह जाहिर कर सकता है. अब स्थिति क्लियर हो गई है तथा हिरासत में लिए गए अन्य आरोपियों के नाम प्रकरण से हटा दिये जाएंगे।