Journo Mirror
भारत

कामयाब मुसलमान: कभी क्लिनिक में काम करने वाले डॉ आज़ाद मूपेन ने 9 देशों में खोले 323 हॉस्पिटल, 21000 लोगों को देते है रोज़गार

ये कहानी है मालाबार के उस शख्स की जिसने आज के समय में 21000 लोगों को रोजगार दिया हुआ है। भारत समेत गल्फ के आठ देशों में 3000 डॉक्टरों के साथ मेडिकल इंडस्ट्री के बड़े नामों में शामिल है।

आपको पता है जिस एक आम मुस्लिम व्यक्ति ने भारत समेत गल्फ के सबसे बड़े मेडिकल नेटवर्क में शामिल Aster DM Healthcare की स्थापना की है वो केरल के उस मल्लापुरम के रहने वाले हैं जिसको आज से कुछ साल पहले उत्तर भारत की तरह ही राइट विंग नफरती गरीब पंचर वालों का इलाका बोल कर सम्बोधित करते थे मगर अब सब बदल चुका है।

एक महान स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक नेता मंडयापुरथ अहमद उन्नी मूपेन के पुत्र डॉ आज़ाद मूपेन आज के समय में किसी पहचान के मोहताज नहीं है। लगभग 5,500 करोड़ की नेटवर्थ वाले डॉ आज़ाद मूपेन उसी एस्टर हेल्थ्केयर के मैनेजिंग डायरेक्टर है, जिनके साथ टाई अप के लिए अधिकतर राज्यों की सरकारें हमेशा इच्छुक रहती हैं।

आप कितना भी पंचरवाला बोलते रहो मगर तल्ख़ हकीकत तो यही है कि इसी स्लग ने इनको उस मुकाम पर पहुंचाया है जिसके ख्वाब राइट विंग वाले बगल बच्चा लोग दिन रात सोचते रहते हैं। 1987 में डॉ आज़ाद मूपेन ने एक डॉक्टर के क्लिनिक के साथ अपने सफर की शुरुआत की थी जो अब 9 देशों में 323 हॉस्पिटल तक पहुंच चुका है।

ऐसे समय में जब बड़े लोग देश छोड़ अमीर मुल्कों की नागरिकता लेने को आतुर हैं ऐसे में गल्फ का हर बड़ा नाम और देश डॉ आज़ाद मूपेन को अपने यहां की नागरिकता देने के लिए तैयार हैं मगर अपने देश की मुहब्बत में डॉ आज़ाद मूपेन ने सबको ठुकरा कर भारतीय कहलवाना ही पसंद किया है।

डॉ आज़ाद मूपेन से जुड़ा हुआ एक निजी किस्सा बताता हूं। उनके संगठन की तरफ से दिल्ली के लोगों की सेवा के लिए कुछ एम्बुलेंस को समर्पित किया गया था और इसके उद्घाटन और लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी मेरी थी। उस समय मैंने उसे प्रोग्राम के लिए दिल्ली सरकार को आमंत्रित करने के लिए मुख्यमंत्री आवास पर अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी।

आप यकीन मानिए कि अरविंद केजरीवाल ने उस पूरी मीटिंग में कम से कम 20 दफा तो केवल यही पूछा होगा कि क्या सच में डॉ आज़ाद मूपेन खुद उस प्रोग्राम में आएंगे? क्या डॉ आज़ाद मूपेन दिल्ली में हमारी सरकार के साथ मिलकर कुछ काम कर सकते हैं? क्या डॉक्टर आजाद मोहन से मेरी बात हो सकती है? आदि

पहले तो मुझे यह बातें समझ में नहीं आई मगर जब मुझे डॉ आज़ाद मूपेन के बारे में तफसील से पता चला तब मुझे समझ में आया कि आखिर क्यों पूरी आम आदमी पार्टी की सरकार केवल एक व्यक्ति के लिए घुटनों के बल बैठी हुई थी।

अभी हाल ही में केरल के वायनाड में डॉ आज़ाद मूपेन के कॉलेज “डॉ. मूपेन मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल” के वार्षिक समारोह में कांग्रेस नेता शशि थरूर शामिल हुए थे। उन्होंने डॉ आज़ाद मूपेन की समाज के प्रति उल्लेखनीय सेवाओं की सराहना करते हुए भारत का भविष्य बताया था।

जो राइट विंग दिन रात मुसलमानों को पंचर वाला बोल कर चिढ़ाता है उसे ये पता होना चाहिए कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी चाहती है कि डॉ आज़ाद मूपेन भी लूलू ग्रुप की तरह अपनी सेवाओं को उत्तर प्रदेश में शुरू करें।

डॉ आज़ाद मूपेन का सबसे बड़ा कारनामा तो यही है कि वो भारत में सेहत सुविधाओं को सुधारने में अपनी ताकत लगाना चाहते हैं। इसी कड़ी में 600 बेड वाले मालाबार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (MIMS) अस्पताल की स्थापना केरल के कोझिकोड में 2001 में की थी। गरीबों की सेवा के साथ इस हॉस्पिटल की वजह से सीधे तौर पर 3000 लोगों को रोजगार मिलता है। इसके अलावा उनके द्वारा दूसरा 150 बेड वाला MIMS अस्पताल 2009 में मलप्पुरम जिले के कोट्टाकल में स्थापित किया गया था।

तो कुल मिला कर बात ये है कि जो राइट विंग के जॉम्बी दिन रात मुस्लिम नफरत में मुस्लिम विरोधी एजेंडा चलाते हुए मुसलमानों को पंचर वाला कह कर चिढ़ाते हैं उनको ये बात समझ लेनी होगी कि डॉ आज़ाद मूपेन जैसे लाखों मुसलमान दिन रात देश सेवा में तत्परता से लगे हुए हैं मगर इन बेरोजगारों को अपने दिमाग पर पड़े नफरती परदे की वजह से कोई बात समझ नहीं आती है।

बाकि डॉ आज़ाद मूपेन कौन है किसी भी गल्फ के अपने दोस्त से पूछिए डिटेल से जवाब मिल जायेगा।

(यह स्टोरी अंसार इमरान ने लिखी है)

Related posts

Leave a Comment