बहराइच हिंसा में जान गंवाने वाले राम गोपाल मिश्रा के परिवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने 10 लाख रुपए का मुआवजा, अंत्योदय कार्ड के साथ-साथ मदद के तौर पर आवास भी देने की बात कही है।
इसके अलावा मृतक की पत्नी को संविदा या अन्य किसी पद पर नौकरी देने का ऐलान किया है. जिसको लेकर पत्रकार वसीम अकरम त्यागी ने गंभीर सवाल खड़े किए है।
वसीम अकरम त्यागी ने सरकार का इस निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि, अलीगढ़ लिंचिंग में मार दिए गए मोहम्मद फ़रीद के परिवार पर यह करम क्यों नहीं किया? मोहम्मद फरीद के परिवार के आठ लोगों पर तो डकैती के मुकदमे दर्ज कर दिये गए. मोहम्मद फरीद से कौनसी दुश्मनी थी?
क्या वह यूपी का नागरिक नहीं था? क्या वह इंसान नहीं था? योगी आदित्यनाथ मंहत भी हैं, धर्म का चौला धारण किए रहते हैं, क्या धर्म का चौला ओढ़कर सरकार चलाने वाले को नागरिकों के बीच भेद-भाव शोभा देता है?
वसीम अकरम त्यागी ने आगे कहा, सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया को इस पर एक गाइडलाइन जारी करना चाहिए, या तो मुआवज़ा किसी को ना मिले, और मिले तो फिर सबको बराबर मिले।