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लाइव चर्चा में आरफा खानम शेरवानी ने कहा, पहले माइक और कलम पर उनका कब्ज़ा था लेकिन अब अपनी आवाज़ बुलंद करने के लिए माइक हमने छीन लिया हैं

हिंदुस्तान में अब बहुत कम ऐसे पत्रकार बचे हैं जो खुलकर अपने विचार रखते हैं तथा जनता की आवाज़ बुलंद करते हैं।

इन गिने चुने पत्रकारों में सबसे ऊपर द वायर की मशहूर पत्रकार आरफा खानम शेरवानी का नाम आता हैं. आरफा खानम शेरवानी ने हाल ही में द मुकनायक की लाइव चर्चा में खुलकर अपने विचार रखें।

आरफा खानम शेरवानी ने कहा कि “हमे कभी कभी लगता हैं कि हमारा दायरा छोटा हैं. लेकिन ऐसा नहीं हैं. आज जब हाशिए के लोगों की आवाज़ उठ रहीं हैं तो हम सब यहां इक्ट्ठा हो गए हैं।

जो माइक हैं हैं वो अब पास हो चुका हैं. पहले माइक और कलम पर उनका कब्ज़ा था. लेकिन अब हमारे आपके जैसे लोगों ने वो माइक अब उनसे छीन लिया हैं. हमारे हाथ में अब वो माइक हैं. हम अपनी आवाज़ भी बुलंद करेंगे और जिनको उस माइक की जरूरत हैं उसको भी मौका देंगे. आपकी कहानियां जब तक नहीं लिखी जाएंगी जब तक आप खुद कहानी नहीं लिखेंगे।

आरफा खानम ने आगे कहा, “मैं अपने छोटे से ही संस्थान में खुश हूँ मैं उस मेनस्ट्रीम न्यूजरूम का हिस्सा अब नहीं बन सकती जो हमारे लोगों के खिलाफ सामूहिक हत्या की साजिश रचने में शामिल हों।”

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