कर्नाटक से शुरु हुआ हिजाब विवाद देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंच चुका हैं. सरकारी स्कूल में टीचर ने एक लड़की को हिजाब उतारने के लिए मजबूर किया।
मामला दिल्ली के सरकारी स्कूल का हैं. मुस्तफाबाद विधानसभा में स्थित दिल्ली सरकार के एक स्कूल में नाबालिग मुस्लिम छात्रा ने आरोप लगाया था कि स्कूल में एक शिक्षक ने मुझे हिजाब उतारने के लिए मजबूर किया।
इस घटना की विडीयो सोशल मीडिया पर भी जमकर वॉयरल हुई, जिसपर ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष कलीमुल हफीज़ ने तुरंत संज्ञान लेते हुए इस फैसले का विरोध किया।
कलीमुल हफीज़ ने दिल्ली के शिक्षा मंत्री से घटना की जांच कराने की मांग की तथा सरकारी स्कूलों में हिजाब पहनने की इजाज़त देने की मांग की।
जिसके बाद दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने अपना बयान ज़ारी करते हुए दिल्ली के सरकारी स्कूलों में हिजाब पहनने की इजाज़त दी।
कलीमुल हफीज़ के अनुसार “केजरीवाल सरकार की प्रिंसिपल व टीचर ने मासूम बच्ची को हिजाब उतारने के लिए मजबूर किया और उसे ज़हनी तक़लीफ पहुँचाई. मजलिस के दबाव में मनीष सिसोदिया ने स्कूलों में हिजाब की इजाज़त तो दी लेकिन वह बताएँ कि दोषियों के ख़िलाफ़ क्या कार्रवाई की?”
केजरीवाल सरकार की प्रिंसिपल व टीचर ने मासूम बच्ची को हिजाब उतारने के लिए मजबूर किया और उसे ज़हनी तक़लीफ पहुँचाई
मजलिस के दबाव में @msisodia ने स्कूलों में हिजाब की इजाज़त तो दी लेकिन वह बताएँ कि दोषियों के ख़िलाफ़ क्या कार्रवाई की? 1/2@aimim_national @asadowaisi pic.twitter.com/0C65Xt9QCh
— Kaleemul Hafeez (@KaleemulHafeez) February 25, 2022
कलीमुल हफीज़ ने कहा, मनीष सिसोदिया यह भी बताएँ कि BJP शासित MCD के हिजाब विरोधी नफ़रती फ़रमान पर चुप क्यों हैं? भाजपा धर्म के नाम पर राजनीति बंद करे, MCD का हिजाब विरोधी फ़रमान वापस ले और पिछले 15 साल में MCD में किये भ्रष्टाचार से ध्यान हटाने की कोशिश न करे।