कर्नाटक विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला हैं, 224 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस को 136 सीटें मिली हैं जिनमें से सिर्फ़ 9 मुस्लिम विधायक जीते हैं।
कर्नाटक में मुसलमानों की कुल जनसंख्या 12.92 फ़ीसदी हैं जिसके हिसाब से विधानसभा में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व बहुत कम हैं।
जनसंख्या के हिसाब से कर्नाटक में 29 मुस्लिम विधायक जीतने चाहिए थे लेकिन जीते सिर्फ 9 विधायक हैं।
इस मामले से विस्तारपूर्व बताते हुए पूर्व आइपीएस अब्दुर रहमान का कहना हैं कि, कर्नाटक में 29 मुस्लिम विधायक चाहिए, लेकिन जीते हैं सिर्फ 9. SCs और STs के लिए सीटें आरक्षित हैं. मुझे पूरा यकीन है कि लगभग 46% हिंदू OBCs का भी सही प्रतिनिधित्व राज्य में नहीं होगा. क्या आप बता सकते हैं मुसलमानों के 20 और हिंदू OBCs की सीटें कौन समूह ले गया?
अब्दुर रहमान आगे कहते हैं कि, कर्नाटक में 9 मुस्लिम MLA विजयी हुए हैं जो कुल सीट 224 का 4% है. आबादी के हिसाब से राज्य में 29 मुस्लिम MLA होने चाहिए. इस तरह Deprivation 69% है. कॉंग्रेस ने सिर्फ 15 और JDS ने 21 टिकट दिए थे. सवाल है कि जब उचित संख्या में टिकट नहीं मिलेगा तो समानुपातिक प्रतिनिधित्व कैसे मिलेगा?
समानुपातिक प्रतिनिधित्व का अर्थ है proportional representation. अर्थात आबादी के हिसाब से प्रतिनिधित्व. मुख्यधारा की पार्टियों ने टिकट में आबादी के हिसाब से टिकट नहीं दिया है. इसका नतीजा हर विधान सभा और लोक सभा में दिखता है. टिकिट देने में अन्याय अर्थात लोकतंत्र के पहले ही पायदान पर मुसलमानों के साथ अन्याय होता है।