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उत्तर प्रदेश: पुलिस ने मुस्लिम युवक कामरान का एनकाउंटर किया, पत्रकार ज़ाकिर अली त्यागी बोले- यह एनकाउंटर नहीं हत्या हैं, कामरान के शरीर पर चोट के निशान हैं

उत्तर प्रदेश आए दिन फर्जी एनकाउंटर की खबरों से चर्चा में रहता हैं. आए दिन यूपी पुलिस पर बेकसूर लोगों का एनकाउंटर करने का आरोप लगता रहता हैं।

उत्तर प्रदेश का आजमगढ़ एक बार फ़िर तथाकथित फर्जी एनकाउंटर के मामले को लेकर चर्चा में हैं, आजमगढ़ के रहने वाले 40 वर्षीय मुस्लिम युवक कामरान का यूपी पुलिस ने लखनऊ में एनकाउंटर कर दिया हैं।

मृतक कामरान के परिजनों ने यूपी पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए इस मामले की जांच कराने की मांग की हैं तथा दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही की मांग की हैं।

कामरान के बड़े भाई इमरान के अनुसार “मेरे भाई का लखनऊ पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया जिसकी ख़बर हमें 27 अक्टूबर की रात तकरीबन 9 बजे मिली. पोस्टमार्टम के बाद जब हमें कामरान की लाश मिली तो हमने देखा कि उसके ऊपर और नीचे के दो-दो दांत टूटे हुए थे, बाईं आंख फोड़ी हुई थी, दाहिने हाथ की कलाई और कंधा टूटा हुआ था, कान से खून आ रहा था जिससे लगता है कि कान का पर्दा फटा हुआ था, गला रस्सी से घोंटा हुआ लग रहा था, एक गोली नाभी के पास और एक गोली सीने के दाहिनी तरफ लगी थीं।”

कामरान के भाई का कहना हैं कि बॉडी को देखकर लगता हैं कि उसका एनकाउंटर करने से पहले उसको बेरहमी से पीटा गया हैं जिससे लगता हैं कि यह एनकाउंटर नहीं बल्कि हत्या हैं।

पत्रकार ज़ाकिर अली त्यागी का कहना है कि “कामरान का लखनऊ पुलिस ने एनकाउंटर नही बल्कि हत्या की है. योगी सरकार में 6800 से अधिक एनकाउंटर हुए हैं और यह एनकाउंटर अपराध के लिये नही बल्कि धन उगाही के लिए किये गये हैं. कामरान के शरीर पर चोट के निशान है अभी तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी नही मिली।

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