दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार नई आबकारी नीति को लेकर लगातार घिरती जा रहीं हैं. अब ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने केजरीवाल पर निशाना साधा।
एआईएमआईएम दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष कलीमुल हफीज़ ने कहा कि, शराब से सबसे बड़ा नुकसान है गरीबों को, जो पैसा कमाते हैं वह बर्बाद हो जाता है, वे बीमार हो जाते हैं, मर जाते हैं, उनके बच्चे सड़कों पर भीख मांगते हैं।
देश की दूसरी सरकारें नशीले पदार्थों के खिलाफ अभियान चला रही हैं, गुजरात और बिहार में शराब पर प्रतिबंध है, लेकिन दिल्ली सरकार शराब को बढ़ावा दे रही है.यह सरकार दलितों, गरीबों और मुसलमानों की दुश्मन है।
कोनडली विधानसभा के घड़ॉली वार्ड में मजलिस कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए मजलिस अधियक्ष ने कहा कि सभी अस्वीकृत कॉलोनियों में दलित और मुसलमान रहते हैं। ये सभी कचरा घरों और सीवरों के पास झुग्गियों में रहने वाले दो वर्ग हैं। इन के यहां कोई स्कूल या अस्पताल नहीं हैं। अगर ये दोनों वर्ग हाथ मिलाते हैं तो अपनी किस्मत बदल सकते हैं।
कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा दिल्ली पर मनुवादियों का कब्जा रहा है, चाहे सरकार किसी भी पार्टी की क्यों न हो। केजरीवाल ने सात साल में दिल्ली का बेड़ा ग़र्क़ कर दिया है। वह मुफ्त बिजली के नाम पर गरीबों की जिंदगी से खेल रहे हैं। इसने पबों की संख्या में वृद्धि की। पीने की उम्र कम कम करदी । शराब की ऑनलाइन डिलीवरी हो रही है, एक बोतल के साथ एक मुफ्त का ऑफर दिया जारहा है।
केजरीवाल जानते हैं कि सबसे ज्यादा शराब पीने वाले गरीब हैं। उन्होंने अपने चुनाव प्रचार के लिए शराब ठेकेदारों से मोटी रकम ली है। यह सरकार गरीबों, दलितों और अल्पसंख्यकों की दुश्मन है।
कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा कि दिल्ली में, दलित और मुसलमान 50 प्रतिशत से अधिक हैं अगर ये दोनों वर्ग एक साथ आ जाते हैं तो ये दिल्ली के तीनों निगमों में मेयर बना सकते हैं कार्यक्रम में राज कुमार ढ़िल्लोर , राजीव रियाज, गीता देवी, राम बर्न, डॉ. नवीद इकबाल नकवी, अब्दुल गफ्फार सिद्दीकी आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।