दिल्ली दंगों के दौरान शाहरुख पठान एक चर्चित चेहरा था. जिसपर तमाम तरह के इल्ज़ाम लगें थे. लेकिन दंगाग्रस्त इलाक़े के मुसलमानों का कहना था कि शाहरुख पठान ने दर्जनों मुस्लिमों की जान बचाई हैं।
शाहरुख पठान ने दंगों के दौरान जब झड़प हो रहीं थीं तब एक पुलिस कॉन्सटेबल पर बंदूक तान दी थीं. जिसके कारण वह जेल में बंद हैं।
गुरुवार को शाहरुख पठान की कोर्ट में पेशी थी, उस दौरान शाहरुख पठान ने अपने ऊपर लगें इल्ज़ाम के बचाव में कहा कि “उसका मक़सद किसी को मारना नहीं बल्कि डराना था।”
कोर्ट में जब घटना की वीडियो चलाई गई तो उसमे देखा गया कि शाहरुख पठान की पुलिसकर्मी दीपक दहिया से तीखी नोकझोंक हुई जिसके बाद वह वापस लौट आया।
जिससे साफ़ पता चलता हैं कि शाहरुख पठान का मक़सद पुलिस कॉन्सटेबल या अन्य किसी को मारना नहीं बल्कि सिर्फ डराना था।
आपको बता दें कि जो जुर्म शाहरुख पठान ने किया हैं वहीं जुर्म शाहीन बाग में गोली चलाने वाले कपिल गुर्जर और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में गोली चलाने वाले राम भक्त गोपाल ने किया था. लेकिन यह दोनों ज़मानत पर जेल से बाहर हैं और शाहरुख पठान अभी तक जेल में हैं।