नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में शांतिपूर्ण तरीके से चल रहें विरोध प्रदर्शन को बदनाम करने के लिए दिल्ली में साजिश के तहत सांप्रदायिक दंगों हुए थे।
इन दंगों में एक चेहरा शाहरुख पठान बहुत ज्यादा चर्चा में रहा था. दंगाग्रस्त इलाक़े के लोगों का कहना हैं कि शाहरूख पठान ने अपने हथियार से कम से कम 50-60 लोगों की जान बचाई थीं।
हाल ही में कोर्ट ने शाहरूख पठान को आर्म्स एक्ट के मामले में बरी कर दिया हैं।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने शाहरुख पठान को एफआईआर संख्या 49/2020 में आर्म्स एक्ट के अपराध से बरी कर दिया गया हैं।
आपको बता दें कि शाहरुख पठान पर दंगों से संबंधित एक मामले में आरोप भी तय किए गए हैं. जिसमें शाहरुख पठान पर आईपीसी की धारा 147 (दंगा), 148 (हथियार से लैस दंगा), 149 (गैरकानूनी सभा), 186 (सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में लोक सेवक को बाधित करना),188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत घोषित आदेश की अवज्ञा), 153ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना, आदि), 283 (सार्वजनिक मार्ग या नेविगेशन की लाइन में खतरा या बाधा), 353 (हमला या आपराधिक बल रोकने के लिए) लोक सेवक को अपने कर्तव्य के निर्वहन से), 332 (स्वेच्छा से लोक सेवक को उसके कर्तव्य से रोकने के लिए चोट पहुंचाना), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत आरोप तय किए।
सोशल एक्टिविस्ट अशरफ़ हुसैन के अनुसार “दिल्ली हिंसा मामले में शाहरुख पठान की ज़मानत याचिका खारिज़ होने के बाद कोर्ट ने उनपर आरोप तय किये. हालांकि कोर्ट ने शाहरुख को आर्म्स एक्ट में बरी कर दिया है।”
दिल्ली हिंसा मामले में शाहरुख पठान की ज़मानत याचिका खारिज़ होने के बाद कोर्ट ने उनपर आरोप तय किये… हालांकि कोर्ट ने शाहरुख को आर्म्स एक्ट में बरी कर दिया है।
— Ashraf Hussain (@AshrafFem) December 23, 2021