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क्या मीडिया को पहले से ही अतीक अहमद के बेटे का एनकाउंटर होने की ख़बर थीं? पिछले एक महीने से टीवी पर हो रहीं थीं डिबेट, अखिलेश यादव और मायावती ने जांच की मांग की

उत्तर प्रदेश के पूर्व सांसद एवं कद्दावर नेता अतीक अहमद के बेटे असद अहमद के एनकाउंटर के बाद से पुलिस की कार्यवाही पर गंभीर सवाल खड़े हो रहें हैं।

उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने असद और उसके साथी गुलाम को झांसी में एनकाउंटर करके मार दिया, इन दोनों पर उमेश पाल हत्याकांड का आरोप था।

आपको बता दें कि देश के प्रमुख मीडिया चैनल टीवी 9 भारतवर्ष और न्यूज़ 18 को पहले से ही इनका एनकाउंटर होने की ख़बर दी।

इन दोनों चैनलों ने एक महीने पहले ही ख़बर चलाकर सवाल किया था कि, क्या अतीक अहमद के बेटे का एनकाउंटर हो सकता हैं? इसके अलावा अतीक के भाई और अतीक का भी एनकाउंटर होने की ख़बर मीडिया में चल रहीं हैं।

पत्रकार स्वाति मिश्रा ने कुछ मीडिया चैनलों टैग लाइन शेयर करते हुए लिखा कि, अतीक के बेटे और उसके सहयोगी को यूपी पुलिस ने एकाउंटर में मार दिया. ये पिछले एक महीने में अलग-अलग मीडिया संस्थानों के वीडियो के थम्नेल हैं. कितना प्रिडिक्टिबल।

इस एनकाउंटर पर उत्तर प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दलों ने भी सवाल खड़े किए हैं, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने इस एनकाउंटर की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की हैं।

अखिलेश यादव का कहना हैं कि, झूठे एनकाउंटर करके भाजपा सरकार सच्चे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाह रही है, भाजपाई न्यायालय में विश्वास ही नहीं करते हैं, आज के व हालिया एनकाउंटरों की भी गहन जाँच-पड़ताल हो व दोषियों को छोड़ा न जाए, सही-गलत के फ़ैसलों का अधिकार सत्ता का नहीं होता है. भाजपा भाईचारे के ख़िलाफ़ है।

मायावती ने भी अपना बयान ज़ारी करते हुए कहा कि, प्रयागराज के अतीक अहमद के बेटे व एक अन्य की आज पुलिस मुठभेड़ में हुई हत्या पर अनेकों प्रकार की चर्चायें गर्म हैं. लोगों को लगता है कि विकास दुबे काण्ड के दोहराए जाने की उनकी आशंका सच साबित हुई है. अतः घटना के पूरे तथ्य व सच्चाई जनता के सामने आ सके इसके लिए उच्च-स्तरीय जाँच जरूरी।

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