राजस्थान धीरे धीरे नफ़रत और हिंसा का केंद्र बनता जा रहा हैं आए दिन हिंदुत्ववादी संगठन एवं जातिवादी मानसिकता के लोगों द्वारा दलित और मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा हैं, लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आंखे बंद करके बैठे हैं।
राजस्थान को नफ़रत की आग में झोंकने के मकसद से पिछले 4 महीने से हिंदुत्ववादी संगठन बजरंग दल एवं विश्व हिंदू परिषद द्वारा लगातार त्रिशूल बांटे जा रहे हैं।
त्रिशूल बाटने के कार्यक्रम खुलेआम राजस्थान के अलग अलग जिलों में आयोजित हो रहें हैं जहां पर हिंदुत्ववादी नेता हेट स्पीच देकर आम लोगों को भड़काने का भी काम करते हैं।
त्रिशूल दीक्षा वितरण के नाम से आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में भाग लेने वालों को मुफ्त में त्रिशूल दिया जाता हैं तथा धर्म और हिंदू राष्ट्र की रक्षा के लिए इनका इस्तेमाल करने की शपथ भी दिलाई जाती हैं।
3 जनवरी 2023 को राजधानी जयपुर में बजरंग दल के नेताओं ने स्थानीय लोगों को त्रिशूल बांटे तथा इन त्रिशूलों का इस्तेमाल धर्म और हिंदू राष्ट्र की रक्षा करने के लिए सार्वजनिक रुप से शपथ भी दिलाई।
21 जनवरी 2023 को लोहावट में भी विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल द्वारा त्रिशूल दीक्षा का कार्यक्रम रखा गया जिसमें आरएसएस प्रचारक और वीएचपी संगठन मंत्री ईश्वर लाल ने नफरत भरा भाषण देते हुए मुसलमानों को अमानवीय बताया तथा 30,000 मस्जिदों को मंदिरों में बदलने और हलाल उत्पादों का बहिष्कार करने का आह्वान किया।
19 अप्रैल 2023 को मथानिया में विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र जैन ने त्रिशूल दीक्षा कार्यक्रम में मुसलमानों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए हिंसा की वकालत की।
2 मई 2023 को घरसाना में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल द्वारा आयोजित त्रिशूल दीक्षा वितरण समारोह में दक्षिणपंथी नेता ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की खुलेआम वकालत की।
3 मई 2023 को सांगानेर में बजरंग दल के त्रिशूल दीक्षा कार्यक्रम में मुसलमानों और ईसाइयों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया।
हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा राजस्थान के लगभग सभी जिलों में त्रिशूल दीक्षा के कार्यक्रम किए जा रहें हैं तथा हेट स्पीच दी जा रहीं हैं जिनकी वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल होती हैं लेकिन अशोक गहलोत सरकार मौन धारण किए हुए हैं तथा इन लोगों के खिलाफ़ कोई कार्यवाही नहीं कर रहीं हैं।