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NDPS एक्ट के तहत फर्जी FIR कर 50 लाख़ रुपए की फिरौती मांगने वाले मध्य प्रदेश पुलिस के 7 अधिकारियों पर FIR दर्ज़

अक्सर हम देखते हैं कि पुलिस अपने निजी फ़ायदे के लिए अपने आपको कानून से ऊपर समझ लेती हैं तथा बेकसूर लोगों के ख़िलाफ़ झूठी एफआईआर दर्ज़ कर देती हैं।

इसी प्रकार की एक घटना मध्य प्रदेश की हैं, मंदसौर पुलिसकर्मियों ने एक बेकसूर मुस्लिम युवक पर NDPS एक्ट के तहत फर्जी एफआईआर दर्ज़ की तथा 50 लाख़ रुपए की फिरौती भी मांगी।

इस घटना से जुड़े 7 पुलिसकर्मियों के खिलाफ राजस्थान के प्रतापगढ़ CGM कोर्ट के आदेश पर फिरौती सहित 7 धाराओं में एफआईआर दर्ज़ की गई हैं।

जानकारी के मुताबिक़, अक्तूबर 2022 में मंदसौर पुलिस ने ट्रक ड्राइवर भगवती लाल, कंडक्टर आसिफ़ को ज़िले के पिपरिया मंडी से कथित 1.5 किलो स्मैक के साथ पकड़े जानें की FIR दर्ज़ की थी और परिवार से कथित तौर पर 50 लाख़ रुपए की मांग की थी।

पैसा नहीं देने पर पुलिस ने इन दोनों के अलावा आसिफ़ के अंकल को भी गिरफ़्तार जेल भेज दिया था, तब से तीनों जेल में बंद है।

पत्रकार काशिफ़ काकवी के मुताबिक़, पीड़ित के अनुसार मार्च 2023 में आसिफ़ के अंकल पर NDPS के तहत एक और FIR दर्ज़ की गई जब वो जेल में बंद थे।

पीड़ित परिवार द्वारा महीनों तक शिकायत करने पर जब दोनों राज्यों की पुलिस ने FIR दर्ज़ करने से इंकार कर दिया तो आसिफ़ की बहन ने प्रतापगढ़ CGM कोर्ट में प्राइवेट शिकायत की।

जिसके बाद कोर्ट ने अहम फ़ैसला सुनाते हुए 7 पुलिसकर्मियों के खिलाफ फिरौती सहित 7 धाराओं में एफआईआर दर्ज़ की हैं।

आपको बता दें कि, तीन माह पूर्व इसी तरह उत्तर प्रदेश की एक कोर्ट ने भी NDPS के तहत फर्जी मुकदमा कर फिरौती मागने के आरोप में मंदसौर पुलिस के 10 से अधिक पुलिसकर्मियों के FIR दर्ज़ करवाए थे और चौकाने वाली बात यह है कि दो पुलिसकर्मियों का नाम दोनों FIR में है।

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