2014 के लोकसभा चुनाव में गुजरात माॅडल बहुत चर्चा में आया था जिसके कारण मोदी सरकार सत्ता में आई थी।
पूरा देश जानता था कि गुजरात माॅडल नाम की कोई चीज़ है लेकिन किसी को पता नही था कि आखिर गुजरात माॅडल है क्या?
भाजपा और उसके प्रजारतंत्र ने गुजरात माॅडल को विकास का माॅडल बताया तथा लोगों के दिमाग मे भरा गया कि गुजरात जितना विकास पूरे देश में कही नही हुआ है।
गुजरात माॅडल एक तरह से 2014 में भाजपा का घोषणापत्र था भाजपा के लोग पूरे देश में एक आभासी गुजरात माॅडल को बनाना चाहते थे जो न तो गुजरात में था और न ही हकीकत में।
गुजरात में शैक्षणिक स्तर का पता लगाने की कोशिश की गई तो पता चला कि गुजरात में सिर्फ 29 फीसदी लड़किया ही 12 वीं कक्षा तक पढ़ती है। इसके मुकाबले केरल में 93 फीसदी लड़किया 12 वीं कक्षा तक पढ़ती है।
पत्रकार पुनीत कुमार ने गुजरात माॅडल की पोल खोलते हुए कहा कि “गुजरात में 29% लड़कियां 12वीं तक पढ़ती हैं जबकि केरल में 93%, फिर मीडिया गुजरात को मॉडल क्यों बताता है?”
गुजरात में 29% लड़कियां 12वीं तक पढ़ती हैं जबकि केरल में 93%, फिर मीडिया गुजरात को मॉडल क्यों बताता है?
— Puneet Kumar Singh (@puneetsinghlive) June 20, 2021
असल में देखा जाए तो गुजरात माॅडल नाम की कोई चीज़ थी ही नही बल्कि यह एक झूठ था जिसको हम सच मान रहे थे।