कोरोना वायरस का संक्रमण धीरे-धीरे कम हो रहा है लेकिन इसी के साथ ही देशभर में वैक्सीन की किल्लत बढ़ती जा रही है।
45 साल से अधिक उम्र के लोग जिनका वैक्सीनेशन केन्द्र सरकार की प्राथमिकता में था वह लोग भी वैक्सीन की किल्लत का सामना कर रहे है ऐसे में कोरोना पर काबू पाना बहुत मुश्किल होता जा रहा है।
केन्द्र सरकार ने वैक्सीन बनाने के नाम पर नवंबर 2020 मे वैक्सीन रिसर्च के लिए 900 करोड़ रूपये बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट को दिए थे।
इसी प्रकार फरवरी में बजट सत्र के दौरान केन्द्र सरकार ने 35 हज़ार करोड़ रूपये वैक्सीन बनाने के लिए देने का ऐलान किया। तथा अप्रैल 2021 मे सरकार ने भारत बायोटेक को 4500 करोड़ रूपये एडवांस दिए थे ताकि वैक्सीन का काम न रूके।
पैसा गया कहाँ
नवंबर 2020: सरकार ने Vaccine Research के लिए 900 करोड़ रुपए Department of Biotechnology को दिएफरवरी 2021 बजट: Vaccine के लिए 35,000 करोड़ रु रखे
अप्रैल 2021: सरकार ने कहा SII और BharatBiotech को 4,500 करोड़ रु का एडवांस दिया जाएगा ताकि production ramp up हो
1/2— Dibang (@dibang) June 3, 2021
इस प्रकार वैक्सीन के नाम पर केन्द्र सरकार ने कुल 40 हज़ार 400 करोड़ रूपये खर्च किए। उसके बावजूद देश वैक्सीन की किल्लत का सामना कर रहा है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि आप Panacea Biotec के रूके हुए 14 करोड़ जल्द से जल्द दे ताकि काम शुरू हो सकें।
अब सवाल यह उठता है कि जब केन्द्र सरकार ने बजट सत्र में वैक्सीन के लिए 35 हज़ार करोड़ रूपये दिए थे तो वह कहाँ गए? जो हम Panacea Biotech की सिर्फ 14 करोड़ की पेमेंट नही कर पा रहे है। और अगर सारा पैसा खर्च हो गया तो वैक्सीन कहा है?
दिल्ली हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि “देश में और वैक्सीन बनाने की क्षमता है तथा संसाधन भी मौजूद है उसके बावजूद आप वैक्सीन नही खोच रहें।
रूस को तो हिमाचल में वैक्सीन बनाने की सुविधा दिख गई लेकिन हम नाकाम रहें।