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कोरोना पीड़ित 70 साल की हिन्दू महिला का अपने ही बेटों ने छोड़ा साथ, अनवर पठान और उसकी टीम ने पहुंचाया अस्पताल

कोरोना काल ने न सिर्फ सरकार की नाकामी का पर्दाफाश किया है बल्कि इंसानियत की असल पहचान को भी सबके सामने ला दिया है।

मध्यप्रदेश के भोपाल से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसको सुनकर आपकी रूह कांप जाएगी। 70 साल की उर्मिला मिश्रा जब कोरोना संक्रमण का शिकार हो गयी तब उनके अपने ही बेटों ने उनका साथ छोड़ दिया।

भोपाल में ही अनवर पठान और उनकी टीम को जब किसी ने इसकी जानकारी दी तो वे अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और महिला को अस्पताल पहुंचाया।

अनवर पठान इस घटना के बारे में बताते हुए कहते हैं कि वे जब वहां पहुंचे तो वहां की हालत देख कर दंग रह गए। वृद्ध महिला 3 दिनों से बिना कुछ खाये पिये बिस्तर पर पड़ी थीं और वहीं पास में ही उनका एक बेटा जो कि मानसिक रूप से बीमार है वो भी वहीं था।

वृद्ध महिला के दो और बेटे हैं जो पास में ही रहते हैं। एक बेटी भी है जो जबलपुर में रहती हैं। हैरत की बात ये है कि उन लोगों को अपनी माँ के बारे में पता है फिर भी वे उनकी मदद करने को नहीं आये।

अनवर पठान ने जब महिला के छोटे बेटे को फ़ोन किया तो उसने कोरोना का बहाना बनाकर आने से मना कर दिया और फ़ोन काट दिया।

ऐसी स्थिति में जब अपने ही बेटों ने साथ छोड़ दिया हो तब अनवर पठान और उसकी टीम ने अपनी जान की परवाह किये बगैर महिला को अस्पताल पहुंचाया।
निश्चित तौर पर अनवर पठान और उसकी टीम किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं।

अनवर पठान ने बताया कि वे अकेले नहीं हैं उनकी पूरी टीम है जो लोगों को मदद करने का काम कर रहे हैं। उनकी टीम में सिकंदर, कासिम, उमर असलम, अज़हर मियां भी हैं।

साथ ही अनवर पठान जी ने कहा कि “ईश्वर इनके बेटे और बेटियों को सद्बुद्धि दे ताकि ये अपनी माँ बाप को इस तरह अकेले कमरे में न छोड़ दें।
उन्होंने कहा कि ये वक़्त बहुत खराब चल रहा है। लेकिन सबसे पहले हमारे माँ बाप हैं। किसी भी स्तिथि हो हमें उनका साथ नहीं छोड़ना चाहिए।

साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की है कि इस मुसीबत की घड़ी में हमें बिना किसी धार्मिक भेदभाव के एक दूसरे की मदद करनी चाहिए।

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