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जुनैद और नासिर हत्याकांड: पुलिस की भूमिका पर भी उठे सवाल, परिजनों के मुताबिक़, पुलिस ने मृतकों को बजरंग दल वालों के हवाले किया था

हरियाणा में दो मुस्लिम युवकों की गाड़ी समेत जलाकर मारने के मामले में अब पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं, परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, पुलिस ने मृतकों की गाड़ी में टक्कर मारकर रोका और फ़िर उनको बजरंग दल वालों के हवाले कर दिया।

आपको बता दें कि, मृतक 35 वर्षीय जुनैद और 28 वर्षीय नासिर राजस्थान के जिला भरपुर के गांव घाटमीका के रहने वाले थे, दोनों युवक 2 दिनों से लापता थे।

14 फरवरी की रात को गौतस्कारी के शक में जुनैद और नासिर का गोपालगढ़ व रामगढ़ के बीच जोतरी पिरुका के जंगलों में अपहरण कर लिया गया था और अगले दिन बोलेरो में उनकी जली हुई लाश मिली थीं।

इस घटना का इल्ज़ाम गौरक्षा दल के मोनू मानेसर और उसके साथियों पर लगा हैं, लेकीन इसके साथ साथ पुलिस की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहें हैं।

पहले पुलिस पर एफआईआर दर्ज़ नहीं करने का आरोप लग रहा था और अब पुलिस पर जुनैद और नासिर को बजरंग दल वालों के हवाले करने का भी आरोप लग रहा हैं।

पत्रकार ज़ाकिर अली त्यागी ने ट्वीटर के माध्यम से जानकारी साझा करते हुए लिखा कि, हरियाणा के भिवानी में जलाकर मारे गये जुनैद और नासिर के परिजनों के मुताबिक़ पुलिस ने उनकी गाड़ी में टक्कर मारकर रोका और फ़िर बजरंग दल के गुंडे मोनू मानेसर के सुपुर्द कर दिया, मोनू ने जुनैद और नासिर को उनकी बोलेरो गाड़ी के अंदर बंद कर आग लगाकर उनके शरीर को कंकाल और राख बना दिया था।

यह घटना बहुत ही दर्दनाक है लेकिन दर्द सिर्फ़ पीड़ित परिवारों को होगा, हत्या करने वालों को समाज और सत्ता का संरक्षण प्राप्त है, आज किसी भी मुसलमान को गौ तस्कर बताकर उसकी जान लेना सामान्यीकृत कर दिया गया है इसलिए अब हत्यारे को पुरस्कृत और पीड़ितों पर ज़ुल्म के बाद फ़िर ज़ुल्म होगा।

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