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उत्तर प्रदेश: दलित समाज के लोगों ने बयां किया छुआछूत का दर्द, नाई हमारे बाल नहीं काटते, टेंट वाला बर्तन नहीं धोता

एकतरफ पूरा देश आज़ादी का 75 वां अमृत महोत्सव मना रहा हैं तो दूसरी तरफ़ दलित समाज आज भी छुआछूत जैसी घिनौनी कुप्रथाओं से गुज़र रहा हैं।

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में रहने वाले दलित समुदाय के लोगों के आज भी नाई बाल नहीं काटता तथा टेंट वाला उनके बर्तन नहीं धोता हैं।

दैनिक भास्कर की रिर्पोट के मुताबिक, दलित समुदाय के लोगों का कहना हैं कि हम वाल्मीकि समाज से आते हैं इसलिए यहां के नाई हमारे बाल नहीं काटते, वो कहते हैं कि अगर तुम्हारे बाल काटे तो दूसरे समाज के लोग हमारे यहां नहीं आएंगे।

वहीं शादी या किसी अन्य कार्यक्रम में टेंट वाले हमें बर्तन नहीं देते. कहते हैं कि शहर से ले आओ. यदि तुमको बर्तन दिए तो आस-पास के गांव वाले हमारे पास नहीं आएंगे।

ग्रामीणों का कहना है कि, नाई द्वारा बाल काटने से मना करने पर मजबूरी में हमें गांव से 5-7 किमी दूर जाकर बाल कटवाने पढ़ते हैं।

इस घटना से संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन अलर्ट हो गया तथा एसडीएम अमरिया सौरभ ने कहा, गांवों के ग्राम प्रधान से पता कराकर दलित समाज के साथ हो रहा भेदभाव बंद कराया जाएगा, मैं खुद इस मामले पर नजर रखूंगा।

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