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PFI की जासूस बताकर गिरफ़्तार की गई लॉ इंटर्न सोनू मंसूरी को सुप्रीम कोर्ट से मिली ज़मानत

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की जासूस बताकर गिरफ़्तार मुस्लिम लॉ इंटर्न सोनू मंजूरी को सुप्रीम कोर्ट से 50 दिन बाद ज़मानत मिल गईं हैं।

बीते बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई थीं जिसमें राज्य शासन की ओर से सोनू मंसूरी की जमानत पर कोई आपत्ति नहीं दर्ज़ हुई, इसलिए कोर्ट ने सोनू को पांच हजार रुपये के मुचलके पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दे दिया।

21 वर्षीय लॉ स्टूडेंट सोनू मंसूरी वरिष्ठ वकील नूरजहाँ खान के अधीन इंटर्नशिप करती थीं तथा अदालत की कार्यवाही देखने और ज्ञान हासिल करने रोजाना इंदौर जिला अदालत जाया करती थीं।

लेकिन 28 जनवरी को उनको वकीलों के एक समूह ने पीएफआई का एजेंट होने का आरोप लगा कर घेर लिया तथा तलाशी के दौरान वकीलों ने उसकी जेब में 1 लाख रुपये भी बरामद किए. जिसके बाद सोनू पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से धन लेने का भी आरोप लगाया।

सोनू को पुलिस ने उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया तथा एमजी रोड पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 419, 420, 120-बी के तहत एफआईआर दर्ज की गई।

वकील नूरजहाँ खान का कहना हैं कि, सोनू के पास जो कैश था वह मेरे क्लाइंट ने दिया था, मेरे क्लाइंट को मुझे स्टैंप ड्यूटी और अन्य कानूनी औपचारिकताओं के लिए 1,26,000 रुपये देने थे, 28 जनवरी को मैं अदालत नहीं गई थी इसलिए मैंने अपने इंटर्न सोनू मंसूरी को कैश देने के लिए कहा।

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