राजधानी दिल्ली में स्थित कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया के डिप्टी स्पीकर हॉल में आयोजित एक सम्मेलन में हिंदू और मुस्लिम संगठन के नेताओं ने फिलिस्तीन के समर्थन में किया प्रस्ताव पास।
इस बैठक में पूर्व सांसद केसी त्यागी, सांसद कुंवर दानिश अली, प्रोफसर बिट्ठल महासचिव आर समाज, प्रोफेसर अदित्य निगम, प्रोफसर शशि शेखर सिंह, जॉन दयाल, मौलाना महमूद असद मदनी अध्यक्ष जमीअत उलमा-ए-हिंद, जनाब सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी अमीर जमात-ए-इस्लामी हिंद, मौलाना असगर अली इमाम महदी अमीर जमीअत अहले हदीस हिन्द, मौलाना हकीमुद्दीन कासमी महासचिव जमीअत उलमा-ए-हिंद, जनाब सलीम इंजीनियर जमात इस्लामी हिंद एवं इंडियन पैलिस्टीनियन फ्रेंडशिप फोरम के लोग मौजूद रहें।
बैठक में मौजूद सभी लोगों ने फिलिस्तीन के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए कहा कि, हम फिलिस्तीन के मित्र लोगों विशेषकर गाजा की स्थिति को लेकर बहुत चिंतित हैं।
हम निर्दोष लोगों, यहां तक कि बच्चों और महिलाओं की लगातार हत्या के साथ-साथ उनके भोजन, पानी, चिकित्सा और बिजली की आपूर्ति रोके जाने, और आबादी वाले क्षेत्रों पर लगातार बमबारी और गाजा को खाली करने के प्रयासों की कड़ी निंदा करते हैं।
हमें यह हमेशा याद रखना चाहिए कि यहूदी कब्ज़ा की वजह से गत कई वर्षों से फ़िलिस्तीनियों को उनके घरों और ज़मीनों से लगातार बेदखल किया जा रहा है और इस भूमि के मूल निवासियों, फ़िलिस्तीनियों पर क्रूरतापूर्वक अत्याचार किया जा रहा है।
फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों में नई आबादी को लगातार बसाना और अल-अक्सा मस्जिद को लगातार अपवित्र करना और ऐसी अन्य आक्रामक नीतियां सभी अंतरराष्ट्रीय कानूनों का खुला उल्लंघन हैं, जो कि इस क्षेत्र में निरंतर शांति और व्यवस्था के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा हैं।
ऐसे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तुरंत कार्रवाई करने और रक्तपात रोकने के लिए कार्रवाई करने की आवश्यकता है। फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों को बहाल करना और इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय कानूनों के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना क्षेत्र में निरंतर शांति के लिए अत्यंत आवश्यक है।
हम सरकार से यह भी मांग करते हैं कि वह भारत की लंबे समय से चली आ रही उपनिवेशवाद विरोधी और फिलिस्तीन समर्थक विदेश नीति को जारी रखे, जिसकी गांधी जी से लेकर वाजपेयी तक वकालत कर चुके हैं और फिलिस्तीनी लोगों के वैध अधिकारों को साकार करने में अपने प्रभाव क्षेत्र का उपयोग करें।